यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के लिए PM से बात करेंगे बागपत सांसद, कलक्टर ने बुलवाकर दिलाया आश्वासन

बागपत से भाजपा सांसद डा. सत्यपाल सिंह व जिलाधिकारी राजकमल यादव ने यूक्रेन से लौटे एमबीबीएस के विद्यार्थियों का हाल जानने के बाद आश्वासन दिया कि उनकी पढ़ाई पूरी कराने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करेंगे। 20 हजार विद्यार्थियों की पढ़ाई का प्रबंध करना भारत सरकार के लिए बड़ी बात नहीं है।
यूक्रेन से लौटे लगभग 23 विद्यार्थियों को शनिवार दोपहर आमंत्रित किया गया था.जहा विद्यार्थियों ने कहा की एमबीबीएस की आनलाइन पढ़ाई बेहतर ढंग से नहीं हो पाती। लिहाजा उनकी पढ़ाई की व्यवस्था रोमानिया, पौलेंड या भारतीय यूनिवर्सिटी में कराई जाए। सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों के चलते सभी बच्चों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने में सफलता मिली। उन्होंने छात्रों से समस्या लिखित में देने को कहा ताकि प्रधानमंत्री को भेज सकें।
डीएम राज कमल यादव, एडीएम अमित कुमार, सांसद की पत्नी अलका तोमर, देवेंद्र प्रमुख व डिप्टी कलक्टर पूजा मौजूद रहे।
छात्रों ने बताया कि भारत और यूक्रेन में एमबीबीएस कोर्स की किताबें तो समान हैं लेकिन प्रयोगात्मक पढ़ाई में अंतर है। यूक्रेन में कम आबादी के कारण मरीज कम होते हैं। शवों की कम उपलब्धता के कारण प्रयोगात्मक कार्य भी भारत के मुकाबले कम होता है। वहां पढऩे वालों को यूक्रेनी एवं रूसी भाषा सीखनी पड़ती है।
पढ़ाई अंग्रेजी में होती है। गूगल ट्रांसलेटर से मदद मिलती है। यूक्रेन में 10 छात्रों को एक शिक्षक पढ़ाता है। वहां एमबीबीएस कोर्स पर 28 से 40 लाख रुपये खर्च आता है, जो भारत के मुकाबले 70-75 प्रतिशत कम है। विद्यार्थियों ने बताया कि यूक्रेन से पढ़ाई के बाद भारत में होने वाले नेशनल एग्जिट टेस्ट को 25 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण कर पाते हैं। अनुत्तीर्ण रहे विद्यार्थी दोबारा प्रयास करते हैं। इस सच्चाई को सुनकर सांसद भी चौंक गए।
‘बिल्कुल पास गिरी मिसाइल’बच्चों ने बताया आँखों देखा हाल:-
यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले जिले के 30 में से 23 छात्र लौट आए हैं। निबाली के निशांत, असारा के आमीर, अब्दुस समद , सिसाना के आदित्य चौहान, बड़ागांव की निहारिका, बड़ौत की साक्षी व विक्रांत ने सांसद को युद्ध का मंजर बताया। बड़ौत के हर्ष ने कहा कि उनके पास मिसाइल गिरी तो धरती हिलती हुई महसूस हुई। सेना के बंकर में घुसकर जान बचाई। माइनस 10 से 20 डिग्री तापमान में 100-200 किमी. भूखे-प्यासे पैदल चलकर रोमानिया, पौलेंड व हंगरी बार्डर पहुंचे।