सेंचुरी एरिया में रात भर बेखौफ शिकारी करते है प्रतिबंधित जानवरो का शिकार

गंगा खादर क्षेत्र में शिकारी कर रहे वन्य जीवों का शिकार
—रात भर जंगल मे गूंजती है गोलियों की तड़तड़ाहट
—खादर में जगह जगह बिखरे वन्य जीवों के अवशेष
मुजफ्फरनगर के भोपा गंगा खादर में भू माफियाओं द्वारा वन विभाग की भूमि पर कब्जा करने के लिए जंगल में आग लगाकर चार गोवंशो को मौत के घाट उतार दिया गया है। मामले में एक नया खुलासा हुआ है जिसमें गंगा खादर क्षेत्र में शिकारियों द्वारा वन्यजीवों के शिकार की बात सामने आई है। वन विभाग की भूमि पर कब्जा करने की नियत से जंगल में आग लगाकर बेजुबान गोवंश को मौत के घाट उतार देने वाले शिकारी गंगा खादर क्षेत्र में पूरी रात धड़ल्ले से वन्यजीवों का शिकार कर रहे हैं। गंगा खादर क्षेत्र में जगह-जगह पर बिखरे वन्यजीवों के अवशेष शिकारियों की क्रूरता की कहानी बयान कर रहे हैं।
आसपास रहने वाले चरवाहों के अनुसार जंगल में पूरी रात गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजती रहती है। वही दो जनपदों की सीमा का विवाद होने के कारण शिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। शिकारी वन्यजीवों का शिकार कर उनकी खाल और सींग आदि बेचकर लाखों के वारे न्यारे करने में जुटे हुए हैं। ग्रामीणों ने शिकारियों पर लगाम लगाने की मांग शासन प्रशासन से की है।
मुजफ्फरनगर व बिजनौर सीमा पर स्थित गंगा खादर क्षेत्र में दोनों जनपदों के गौ सेवक गायों और गोवंशो को क्षेत्र के जंगल में चराते आ रहे हैं। गंगा खादर में परमधाम न्यास की और से प्रत्येक वर्ष अपने स्तर से गोवंश के लिए अस्थाई गौशाला का निर्माण किया जाता है। परमधाम के अनुयायियों द्वारा गोवंश के लिए चारे आदि की व्यवस्था की जाती है यह सारी व्यवस्था परमधाम की और से की जाती है जिसमें सरकार की ओर से किसी प्रकार का अनुदान या सहायता नहीं ली जाती है। बरसात के मौसम में गायों को शुकतीर्थ स्थित गौशाला में ले जाया जाता है जिसके बाद प्रत्येक वर्ष गंगा खादर क्षेत्र में एक अस्थाई गौशाला का निर्माण कर गोवंश को पास में स्थित वन विभाग की भूमि पर चरने के लिए ले जाया जाता है। गंगा खादर क्षेत्र की वन विभाग इस भूमि पर वर्षों से भू-माफिया कब्जा किए हुए हैं और खेती आदि कर अवैध तरीके से लाखो कमा रहे हैं। बीते शुक्रवार को इन भू माफियाओं द्वारा बड़ी दुरसाहसिक घटना को अंजाम देते हुए भूमि पर कब्जा करने की नियत से जंगल में आग लगा दी गई जिससे इस अस्थाई गौशाला में रखे गए गोवंश इस आग की भेंट चढ़ गए और उनकी दर्दनाक मौत हो गई जिसके बाद हुए हंगामे के बीच मौके पर पहुंचे भोपा पुलिस और लेखपाल ने परमधाम के अनुयायियों को समझा-बुझाकर पशु चिकित्सकों की टीम को बुलाया और गोवंश का पोस्टमार्टम कराकर उन्हें जमीन में दबा दिया। इस बीच वहां पर मौजूद ग्रामीणों ने गंगा खादर क्षेत्र में शिकारियों की क्रूरता की कहानी बयान की जिसमें उन्होंने बताया कि पूरी रात गंगा खादर क्षेत्र में शिकारियों की आमद होती है और पूरी रात वन्यजीवों का धड़ल्ले से शिकार किया जाता है। जिसके बाद वन्यजीवों की खाल और सींगों की तस्करी की जाती है।
जगह जगह बिखरे पड़े है वन्य जीवों के अवशेष
भू माफियाओं द्वारा योगीराज में दूरसाहसिक घटना को अंजाम देकर गोवंश को मौत के घाट उतार देने वाला घटनास्थल दो जनपदों की सीमा से लगा हुआ है जिनमे शुकतीर्थ, बिहारगढ़ गंगा खादर के जलालपुर बेहड़ा, आखाखेड़ी, नरुरपुर, धारीवाला, रणजीतपुर, शिवपुरी, ब्रहमपुरी आदि गांव तहसील जानसठ के अंतर्गत आते है। वही रावली, नुरोलपुर आदि गांव का रकबा बिजनौर तहसील के अंतर्गत आता है। सीमा विवाद होने के कारण यहां अधिकारियों की उपस्थिति कम ही देखने में मिलती है इसका फायदा क्षेत्र में भू-माफिया और शिकारी उठा रहे हैं जंगल में जगह-जगह वन्यजीवों के अवशेष बिखरे पड़े हैं ग्रामीणों के अनुसार शिकारी रात को ट्रैक्टर पर सवार होकर आते हैं और पूरी रात गोलियों की आवाज क्षेत्र में गूंजती रहती है सुबह वन्यजीवों के अवशेष बिखरे हुए मिलते हैं।
भूमाफियाओं द्वारा लगाई आग से झुलसे वन्य जीव
गंगा खादर क्षेत्र में भू माफियाओं द्वारा वन विभाग की भूमि पर कब्जा करने की नियत से लगाई गई आग से जहां परमधाम न्यास की अस्थाई गौशाला में 4 गोवंश झुलस कर दर्दनाक मौत के आगोश में समा गए वही जंगल में रहने वाले सैकड़ों वन्यजीव काल के गाल में चले गए। गंगा खादर क्षेत्र के इस इलाके में कई प्रकार की वन्यजीवों की दुर्लभ प्रजातियां देखने में मिलती है वह माफियाओं द्वारा लगाई गई आग के कारण इन वन्यजीवों की जलकर मरने की संभावना जताई जा रही है जिससे इन वन्यजीवों की दुर्लभ प्रजातियों का खात्मा होने के आसार नजर आ रहे हैं क्षेत्र में रहने वाले गौ सेवकों व ग्रामीणों ने इन शिकारियों और भू माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
ग्रामीणों को बाबा के बुलडोजर का है इंतजार
गंगा खादर क्षेत्र में भूमाफिया भूमि पर कब्जा करने के साथ-साथ रात के अंधेरे में ट्रैक्टर पर सवार होकर वन्य जीवों का शिकार करते हैं। गंगा खादर क्षेत्र में बारहसिंहा व अन्य जानवरों के अवशेष जगह-जगह बिखरे पड़े हुए हैं। रात के अंधेरे में शिकारी अपने वाहनों पर बड़ी-बड़ी लाइटे लगाकर उनकी तेज रोशनी में वन्य जीवों का शिकार करते हैं। शिकारी वन्य जीवों को दौड़ा दौड़ाकर गोली का शिकार बना देते है और उनके अवशेष व वन्य जीवों की तस्करी करके लाखों रुपये की अवैध कमाई में जुटे है। ग्रामीणों ने इन शिकारियों की पहचान कर काली कमाई से बने इनके घरों पर बुलडोजर की कार्यवाही की मांग की है।