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स्वच्छता अभियान पर हुआ प्रहार: गंगा में आये दूषित पानी ने ली जलीय जन्तुओं की जान

काजी अमजद अली

मुज़फ्फरनगर:-गंगा स्वच्छता के दावे करने करने वाली सरकार की कथनी करनी में अंतर नजर आता है। गंगा के लिये अलग से नमामि गंगे विभाग बनाकर करोड़ो खर्च करने के बावजूद गंगा स्वच्छता अभियान कागज़ों तक सिमटा हुआ है।गंगा को साफ करना तो दूर उसमें गन्दा पानी छोड़ने वालो पर कार्रवाई भी दूर की कौड़ी बनी हुई है जिसके चलते गंगा में गन्दगी छोड़ना जारी है। गंगा के दूषित होने से पर्यावरण को गम्भीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

प्रसिद्ध तीर्थ नगरी शुकतीर्थ में बह रही गंगा में कला पानी आने से हड़कम्प मच गया। सुबह गंगा मैया में काला पानी को देख श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान करना बंद कर दिया है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने जिलाधिकारी को फोन से सूचना देकर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वहीं उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने गंगा घाट पहुंचकर काला पानी के सैम्पल लिए।

तीर्थ नगरी शुकतीर्थ में बह रही बाण गंगा में गत गुरुवार की शाम को अचानक उत्तराखंड हरिद्वार की ओर से काला पानी आने लगा। शुक्रवार की सुबह दुकानदार व पुजारी घाट पर पहुंचे तो काला पानी देखकर दंग रह गए। श्रद्धालुओं ने भी काला पानी देख स्नान करना बंद कर दिया है और अनेक श्रद्धालु गंगा में स्नान किए बगैर ही वापस लौट गए। जिसके बाद नगरी के पंडित पुरोहित, दुकानदारों व साधु-संतों में रोष जताया। श्री गंगा सेवा समिति के महामंत्री महकार सिंह की सूचना पर जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल, भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक रामकुमार शर्मा, मंडल अध्यक्ष डा. वीरपाल सहरावत आदि घाट पर पहुंचे। जिला पंचायत अध्यक्ष ने डीएम को फोन से अवगत कराते हुए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय इकाई के सहायक पर्यावरण अभियंता इमरान अली, जूनियर रिसर्च फैलो मनीष कुमार व आलम सैफी ने गंगा घाट पर पहुंचे तथा संगम Nako जाकर सोलानी नदी व बाण गंगा से पानी सैम्पल लिए गए।

पूर्व में भी कई बार आ चुका चुका है केमिकल युक्त पानी

गंगा में कैमिकल युक्त पानी आन कोई नई बात नही है। पूर्व में भी कई बार दूषित केमिकल युक्त पानी आ जाने से जलीय जंतु मरते रहे हैं।22 अक्तूबर 2018 को भी गंगा में दूषित पानी आने से थाना भोपा पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। शुक्रवार को भी गंगा समिति के सचिव डॉक्टर महकार सिंह द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर तहरीर दी गयी है।
2018 में लक्सर स्थित डिस्टलरी फैक्टरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। उत्तराखंड राज्य में स्थित फैक्टरी द्वारा केमिकल युक्त फैक्टरी द्वारा लगातार केमिकल युक्त पानी छोड़े जाने की चर्चा जारी है।

कौन है गंगा मैया को दूषित करने की साजिश करने वाले

धार्मिक आस्था के केन्द्र गंगा मैया को दूषित कर आस्था पर प्रहार करने वाले आखिर कौन है। कौन हैं वह षडयंत्रकारी जो मां गंगा में ज़हर घोल कर बड़ी त्रासदी को निमंत्रण दे रहे हैं। पर्यावरण को गम्भीर नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ी कार्रवाई से प्रशासन अभी क्यूँ दूर है।

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