मतगणना के दौरान बीमार हुए कई दर्जन कर्मचारी व शिक्षक, कोरोना+ भी कराते मिले गिनती

मुजफ्फरनगर में मतगणना केन्द्रों पर वोटो की गिनती के दौरान जहां गिनती का काम कर रहे कई कर्मचारियों की हालत बिगड गई तो कुछ एजेंट व प्रत्याशी भी बीमार हो गये। बघरा स्थित के के इंटर कॉलिज में गिनती की ड्यूटी कर रही खतौली के ग्राम चिन्दौडा में तैनात प्राईमरी की टीचर ममता तंवर सोशल मीडिया पर इलाज के लिए अपील करती नजर आयी। उन्होंने एक ऑडियों टीचर्स ग्रुप में भेजी। जिसमें वे कहती नजर आयी कि उनको सांस लेने में भी दिक्कत है। यहां उन्हें कोई इलाज नहीं मिल रहा है। कोई भी अधिकारी उपचार दिलाने को तैयार नहीं है। ऐसे तो वे मर जायेगी। बाद में इस शिक्षिका को घर भेजा गया।इसी तरह शाहपुर में भी मतगणना के दौरान तीन कर्मचारियों की हालत बिगड़ी। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजीव बालियान भी शाहपुर में ही ड्यूटी कर रहे थे। उन्होंने तत्काल ही इन कर्मचारियों का उपचार कराया।
बुढ़ाना में मतगणना के दौरान 25 कर्मचारियों ने सिर दर्द व बुखार की शिकायत की। जिनका उपचार यहां मौजूद स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डा. सोनू कश्यप ने किया। उन्होंने बताया कि ये लोग मामूली दिक्कत के चलते दवाईयां लेने के लिए आये थे। जिन्हें तत्काल ही प्राथमिक उपचार दे दिया गया था।
छह मतगणना कर्मी मिले कोरोना संक्रमित
चरथावल में गिनती के साथ ही यहां कर्मचारियों के कोरोना सैम्पल लिये गये। जिसके चलते छह मतगणना कर्मी कोरोना संक्रमित निकले। जिन्हें तत्काल ही आईसोलेट किया गया। इनके स्थान पर दूसरे स्वस्थ कर्मचारी लगाये गये। इधर ड्यूटी कर रही दो महिला कर्मचारियों की तबियत भी खराब हो गई।
बुढ़ाना में संक्रमित मिले तीन एजेंट
बुढ़ाना नगरीय स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डा. सोनू कश्यप ने मतगणना स्थल पर कुछ एजेंटो के कोरोना के सैंपल लिये तो यहां तीन एजेंट कोरोना संक्रमित निकले। फुगाना निवासी अरविन्द पुत्र विक्रम सिंह व बाल किशोर शर्मा पुत्रा नत्थू सिंह को होम क्वारन्टाईन किया गया। जबकि खरड निवासी इन्द्र पुत्र सिंगू को भारत मेडिकल कॉलिज में भर्ती कराया गया। उसकी आक्सीजन भी 32 प्रतिशत निकली।
अधूरी तैयारी पड़ी भारी
अधूरी तैयारियों के बीच शुरू हुई मतगणना ने यहां तैयारियों की पोल खोलकर रख दी। ज्यादातर मतगणना स्थलों पर देरी से मतगणना शुरू हो पाई। जिसका नतीजा यह निकला कि नतीजे शाम तक ही आने शुरू हुए। जिले में 13215 प्रत्याशियों की किस्मत मत पेटियों में कैद थी। यहां 12 लाख 38 हजार मतदाताओं ने मतदान किया था। इस चुनाव में 6 लाख 53 हजार पुरूषो व 5 लाख 84 हजार महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। जानसठ व बुढाना में 76 प्रतिशत वोट डाले गये थे। जिले के 1060 मतदान केन्द्रो पर 2936 पोलिंग बूथ बनाये गये थे। सुबह आठ बजे यहां मतगणना शुरू होनी थी। मगर कई स्थानों पर घंटो की देरी से भी गिनती का काम शुरू हो पाया। जिसके चलते प्रत्याशी एवं उनके समर्थक मानसिक तनाव झेलते रहे। दोपहर बाद तक भी कोई नतीजा नहीं आ पाया। शाम हुई तो पहला नतीजा ग्राम प्रधान का आया। इसके बाद देर रात तक नतीजो का सिलसिला जारी रहा। बताते है कि यदि मतगणना समय से शुरू हो जाती तो यहां नतीजे समय से आने शुरू हो जाते। ग्राम प्रधन एवं अन्य पदो के लिए प्रत्याशियों के समर्थक मतगणना स्थलों के बाहर जमे रहे। हालांकि दावा किया गया था कि लॉकडाउन के बीच किसी को भी मतगणना केन्द्रो के बाहर रूकने की इजाजत नहीं दी जायेगी। लेकिन यहां भीड जमी रही। नवीन मंडी स्थल पर भीड़ का दबाव बना तो पुलिस को लाठिया फटकार कर भीड़ यहां से भगानी पडी। लेकिन थोडी-थोडी देर बाद यहां भीड़ का मंजर बन जाता। जिसके चलते अफसरों ने सख्ती के साथ कार्यवाही के लिए कहा तब जाकर यहां से समर्थको की भीड़ को भगाया जा सका।