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ट्वीटर पर ट्रेंड हुआ म्युचुअल ट्रांसफर पाए शिक्षको को वेतन का मामला, जागा बेसिक शिक्षा विभाग

उत्तर प्रदेश में म्यूचल ट्रांसफर प्रक्रिया के अन्तर्गत एक जनपद से दूसरे जनपद में गये शिक्षको को दो माह बाद भी वेतन नहीं मिल पाया। वजह यह थी कि उन्हें अभी तक भी स्कूल ही आंवटित नहीं हो पाये। पूरे प्रदेश में लगभग चार हजार ऐसे बेसिक शिक्षकों को जब लगा कि अब उनकी कहीं कोई सुनवाई नही हो रही तो उन्होंने ट्वीटर पर राज्यमंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी से गुहार लगाई। जिसके बाद शाम के समय कुछ जनपदो में शिक्षकों को वेतन दिये जाने की कागजी कार्यवाही शुरू हुई।

मुज़फ्फरनगर में उर्दू टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष रईसुदीन राणा का कहना था कि मार्च माह में बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक तबादले हो गये थे। मार्च में ही इन्हें स्कूल मिलने थे। मगर विभागीय प्रक्रिया बहुत धीमी चली। जिसके चलते स्कूल आंवटित नहीं हो पाये। सभी शिक्षक बीएसए कार्यालय में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है। उन्होंने बताया कि यहां आये शिक्षको से सहारनपुर , मुजफ्फरनगर व शामली में चुनाव की ड्यूटी ली गई। इसके बाद कांउटिंग में भी इन्हें लगाया गया। इन्हें स्कूल व वेतन भले ही न मिल ला रहा हो। मगर ड्यूटी पूरी ली जा रही है। कोरोना संक्रमण के कई लोग शिकार हो चुके है। जिनके पास इलाज को भी पैसे नहीं है। ऐसे में ट्वीटर पर गुहार का अभियान चला तो विभाग ने एलपीसी का सत्यापन कराना शुरू कर दिया है। इन परिवारो को आर्थिक संकट से बचाने के लिए मांग की गई है कि ऑनलाईन एलपीसी सत्यापन कराकर इनका वेतन मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से भी निकाला जा सकता हैं। इस अभियान के ट्रेंड होने के बाद अलीगढ बीएसए का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसमें सभी BEO से कहा गया कि वे वेतन नियमित कराने हेतु इन शिक्षको के डाटा का मानव सम्पदा पोर्टल से मिलान कर ले ताकि वेतन भुगतान की संस्तुति लेखाधिकारी को की जा सके।

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