हीट स्ट्रोक हो सकता है जानलेवा, बचाव को दिये गये टिप्स…

मुजफ्फरनगर। तेज गर्मी एवं हीट स्ट्रोक से बचाव के लिये जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से जनहित में विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी दी गयी है, जिसके अनुसार कहा गया है कि जानवरों एवं बच्चों को बंद गाडी में न छोडा जाये, यह जानलेवा हो सकता है। दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच खुली धूप में न निकलें। घर की निचली मंजिल पर रहें। तंग कपडे न पहनें। बासी एवं संक्रमित भोजन का प्रयोग न करें।
यह जानकारी देते हुये अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि गर्मी में लापरवाही जानलेवा हो सकती है। ऐसी स्थिति में जो एडवाइजरी जारी की गयी है, उसका अनुपालन किया जाये तो हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है। अपर जिलाधिकारी वित्त गजेन्द्र कुमार ने कहा कि हीट वेव की स्थिति शरीर के कार्यप्रणाली पर प्रभाव डालती है जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसके प्रभाव को कम करने के लिये निम्न तथ्यों पर ध्यान देना चाहिये। उन्होनें बताया कि बचाव के लिये अधिक से अधिक पानी का सेवन किया जाये। हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले सूती वस्त्र पहने। घूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपडे से ढककर रखें तथा छाते का प्रयोग करें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपडे से पोंछे अथवा नहलायें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें। ओ0आर0एस0, घर में बने पेय पदार्थ जैसे-लस्सी, चावल का पानी, नीबूं पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके। हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, बेहोशी आदि को पहचान लिया जाये। उन्होने बताया कि यदि बेहोशी या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सकीय सलाह लें। अपने घर को ठण्डा रखें। पर्दे, दरवाजे आदि का प्रयोग करें तथा रात व शाम के समय कमरों व घर को ठण्डा करने के लिये इन्हें खोल दें। पंखे, गीले कपडे का प्रयोग करें तथा बार-बार स्नान करें। कार्यस्थल पर ठंडे पीने का पानी रखा जाये। कर्मियों को सीधे सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें। श्रमसाध्य कार्यो को ठंडे समय में करने/कराने का प्रयास करें। उन्होनें बताया कि यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखा जाये। यदि बेहोशी या बीमारी महसूस करते है तो तत्काल डाक्टर से सलाह ले ली जाये।
जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर द्वारा अपील की गयी है कि जिले मे तापमान बढ रहा है। आने वाले समय में और अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। गर्मी मे मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियो को पानी की आवश्यकता होती है। जब मनुष्य को प्यास लगती है तो पानी का संग्रहण कर लेता है अथवा वह कही से भी पानी मांगकर पी लेता है, लेकिन परिंदो व पशुओ को तपती गर्मी मे यहां वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। गर्मियो मे कई परिंदो व पशुओ की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है लोगो का थोड़ा सा प्रयास घरो के आस पास उड़ने वाले परिदो की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी को बचाया जा सकता है गर्मियो मे घरो के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियो से प्रेम करे और उनका विशेष ख्याल रखे। घर के बाहर या बालकनी मे छाव वाली जगह पर बर्तन मे पानी भरकर रखे। पानी गर्म हो जाने पर समय-समय पर उसे बदलते रहे। कोई भी जानवर यदि खाना न खाए, सुस्त हो या उल्टी करे, तो डाक्टर को दिखाए। पानी और दाना आदि रख रहे है तो नियमित तौर पर इसे बरकरार रखे। ध्यान रहे कि पानी का बर्तन जानवर या पक्षी के आकार के लिहाज से ही हो जिससे उन्हे पानी पीने मे असुविधा न हो और घरो के बाहर भी पानी के बर्तन भरकर रखे, या बड़ा बर्तन अथवा कोटना मे पानी भरकर रखे, जिससे मवेशी व परिंदे पानी देखकर आकर्षित होते है।