कब्जा धारकों ने किया पक्की सड़क निर्माण का विरोध, अफसरों ने की मौके पर जांच

अहमद हुसैन
मेरठ। सरधना रोहटा ब्लॉक क्षेत्र के डूंगर गांव में ग्राम पंचायत की भूमि से हटाए गए अवैध कब्जों का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कब्जा धारकों द्वारा कब्जा मुक्त कराए गए रास्ते पर पक्की सड़क निर्माण का विरोध किया जा रहा है, जिसके चलते प्रशासन को मौके पर जांच के लिए भेजा गया।
शनिवार को जिलाधिकारी के आदेश पर जिला पंचायत कार्यालय के अधिकारियों की एक टीम गांव डूंगर पहुंची और स्थल का निरीक्षण कर ग्रामीणों से जानकारी ली। अधिकारियों ने जनहित में उचित निर्णय लेने की बात कहकर स्थिति का जायजा लिया।
गौरतलब है कि गांव डूंगर की ग्राम प्रधान श्रीमती आशा सांगवान द्वारा ग्राम पंचायत की जमीनों से अवैध कब्जे हटाने का अभियान चलाया जा रहा है। गत माह ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी से शिकायत कर गांव के एक रास्ते पर ग्रामीण मंगल सैन और सुरेंद्र द्वारा दीवार बनाकर किए गए कब्जे को हटवाने की मांग की थी। शिकायत के बाद तहसील प्रशासन ने तीन थानों की पुलिस फोर्स के सहयोग से कब्जा हटवाकर रास्ता ग्राम प्रधान की सुपुर्दगी में दे दिया था।
इसके बाद ग्राम प्रधान ने डूंगर से पूठ गांव को जाने वाले मुख्य मार्ग समेत कब्जा मुक्त किए गए रास्ते की जर्जर हालत को देखते हुए उसे आरसीसी से पक्का बनवाने का प्रस्ताव जिला पंचायत एवं विधायक निधि से जिलाधिकारी को भेजा। प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद दोनों मार्गों के लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई।
जैसे ही यह जानकारी कब्जा धारकों को मिली, उन्होंने जिला अधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी और विधायक गुलाम मोहम्मद से मिलकर सड़क निर्माण का विरोध किया और एक कोर्ट स्टे दिखाकर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास किया।
कब्जा धारकों की लिखित शिकायत पर जिलाधिकारी ने एक जांच टीम गठित कर मौके पर वस्तु स्थिति की जांच के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में शनिवार को जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी प्रवेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में टीम गांव पहुंची।
प्रवेंद्र कुशवाहा ने बताया कि कोर्ट स्टे से संबंधित तथ्यों की गहन जांच कर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके बाद जनहित में निर्णय लिया जाएगा।
वहीं ग्राम प्रधान आशा सांगवान ने आरोप लगाया कि जिन लोगों से ग्राम पंचायत की जमीन कब्जा मुक्त कराई गई है, वही लोग रंजिशन सड़क निर्माण का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कब्जा धारक जिस कोर्ट स्टे का हवाला दे रहे हैं, वह खसरा संख्या 402 की कृषि भूमि से संबंधित है, न कि रास्ते की जमीन से। उनका कहना है कि पूरा गांव सड़क निर्माण के पक्ष में एकजुट है।




