बोले उलेमा: मुहर्रम गाइडलाइन में DGP का बयान नफरत फैलाने वाला
साजिद चौधरी
मुजफ्फरनगर।प्रदेश के डीजीपी द्वारा मोहर्रम के जुलूस को लेकर शिया व सुन्नी समुदाय पर की गई टिप्पणी को लेकर रोष व्याप्त है। सभी समाज के व्यक्तियों की बैठक मे शिया सुन्नी धर्म के धर्मगुरुओं ने डीजीपी द्वारा मोहर्रम को लेकर दिए गए बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह बयान समाज में नफरत फैलाने वाला बयान है।
मुजफ्फरनगर के जानसठ में अब्बास अली खान के आवास पर शिया सुन्नी और दूसरे बुद्धिजीवियों की सभा संपन्न हुई जिसमें उत्तर प्रदेश के डीजीपी कार्यालय से मोहर्रम के संबंध में जो गाइडलाइन जारी हुई है, उसकी कड़े शब्दों में निंदा की गई। शिया धर्मगुरु मौलाना अमीर हैदर जैदी सुल्तानपुरी ने कहा, कि पूरे सूबे उत्तर प्रदेश में सभी लोग हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में मेल मोहब्बत से रहते आ रहे हैं।लेकिन मोहर्रम के दिनों में विशेष तौर पर अशरे के दिन इमाम हुसैन की शहादत पर सभी लोग अपने दुख का इजहार करते हुए इस जुलूस में शरीक होते हैं।और आपस मे कोई भी नफरत वाली बात नहीं है।लेकिन डीजीपी द्वारा मोहर्रम पर गोकशी करने व अन्य अपशब्दों का प्रयोग करते हुए जो बयान जारी किया है वह गैर जिम्मेदार बयान है।इसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और उसको वापस लेने की मांग करते हैं।तो वही तालीमुल उल कुरान के मौलाना लुकमान नजीर ने भी उक्त गाइडलाइन की कड़े शब्दों में निंदा की और पिछले हालात पर प्रकाश डालते हुए हिंदू मुस्लिम शिया सुन्नी एकता की मिसाल पेश की। उन्होंने कहा, कि यह सब आने वाले चुनाव के मद्देनजर आपस में नफरत फैलाने के उद्देश्य से किया गया ह। हम लोग सब मिलकर इस की निंदा करते हैं। और डीजीपी से मोहर्रम को दिए गए बयान को वापसी की मांग करते हैं। इस दौरान राजू प्रधान,अब्बास अली खान, मौलाना अमीर हैदर जैदी सुल्तानपुरी, मौलाना लुकमान कासमी, मौलाना इरफान,मुला शकील, कारी आबिद, कृष्ण अवतार शर्मा, हाजी मोहम्मद उमर राजपूत, दानिश अली खान, हाजी हनीफ, सारिम अली खान, अर्सलान आदि लोग मौजूद रहे।