राखी का त्यौहार..

मन भावन सावन में आता, राखी का त्यौहार।
सखियों संग झूला झूलती, ननद भौजाई बार-बार।
सजा थाल बहना आती, बांधने राखी चमकदार।
हुलसी हुलसी फिरती, पहन चुनरी लहरेदार।भैया के बांध राखी, करती है लाड प्यार।
सब त्यौहारों मे खास है, राखी का त्यौहार।
लगा तिलक व चावल, टुकड़ा दे मुंह मे कटाव का।
भैया का मुंह मीठा कराती है,यह त्यौहार है प्रेमभाव का।
बहना को अपने भैया पर, होता है बड़ा गुमान।
हमेशा खुश होती है, भैया की देख बढ़ती शान।
छोटे का रखती है पूरा ध्यान, बड़े का करती है पूरा मान-सम्मान।
मां-बाप के बाद में, मायके में भैया है मेरी जान।
भैया की उतार आरती, करे लंबी उम्र की कामना।
सदा सुखी रखे भगवान, खूब फैलाए भैया का यशोगान।
भैया देता है बहना को,
रुपए कपड़े और उपहार।और देता है आशीर्वाद, सदा सुखी रहे तेरा परिवार।
सदा बनाए रखना,
यह अनुपम प्यार।भाई बहन के रिश्तों का, होता है राखी का त्यौहार।
✍️ Tr हंसराज हंस