हर समय पर कोई ना कोई विद्वान होते हैं उत्पन्न: ज्ञानमती माता

मेरठ। जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी का मंगल विहार डिफेंस कॉलोनी से मवाना के लिए हुआ। इससे पूर्व प्रातकाल डिफेंस कॉलोनी में मंगल उद्बोधन करते हुए माता जी ने कहा कि हमेशा सभी भक्तों को जैन धर्म के मूल सिद्धांतों में आस्था रखना चाहिए।
माता जी ने कहा कि समय परिवर्तनशील होता है, हर समय पर कोई ना कोई विद्वान, साधु ऐसे उत्पन्न होते हैं, जो मूल सिद्धांतों से हटकर अपनी विचारधारा समाज में आरोपित करने का प्रयास करते हैं। जिस व्यक्ति को जैन धर्म के सच्चे सिद्धांतों में आस्था रखना हो, वे हमेशा प्राचीन ग्रंथों का एवं पूर्व आचार्यों के द्वारा लिखी हुई बातों का स्मरण करें, हमेशा प्राचीन ग्रंथों का पठन-पाठन करें और मूल सिद्धांतों से कभी ना भटके। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति अपनी मान्यता और विचारों के लिए स्वतंत्र अवश्य होता है लेकिन, कभी भी मूल सिद्धांतों से हमें नहीं भटकना चाहिए। हमारे ग्रंथों में जो प्राचीन आचार्यों ने कहा है, उन बातों का सदैव पालन करना चाहिए। उन्होंने जैन धर्म में शासन देवी देवताओं की आराधना पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि हमारे प्राचीन आगम में 24 तीर्थंकर भगवान के शासन देवी-देवताओं का वर्णन वर्णित है। सभा में प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामति माताजी, पीठाधीश्वर रविंद्र कीर्ति स्वामी, डॉक्टर जीवन प्रकाश जैन, विजय जैन, मनोज जैन, सुनील जैन सर्राफ, राकेश जैन, संगीत कांत जैन, अजय श्यामा जैन, रिद्धि जैन, वरदान जैन आदि उपस्थित।
मवाना दिगंबर जैन मंदिर के लिए हुआ विहार
सुनील जैन प्रवक्ता ने बताया कि प्रातकाल माता जी की आहार चर्या और सामयिक के उपरांत माताजी का मंगल विहार मवाना स्थित दिगंबर जैन मंदिर के लिए हुआ। शनिवार को प्रात: काल मवाना में धर्म सभा के बाद मध्यान्ह 12:30 बजे माताजी का मंगल विहार जंबूद्वीप हस्तिनापुर के लिए होगा। पूज्य माताजी का भव्य मंगल प्रवेश जंबूद्वीप तीर्थ में विशाल जुलूस के साथ सायंकाल 4:00 बजे होगा।