चीन के खिलाफ वैश्विक जनमत तैयार करेगा भारत-तिब्बत समन्वय संघ: सोलंकी

चीन की वामपंथी सरकार द्वारा 99 फीट ऊँची बुद्ध की प्रतिमा को ध्वस्त करने की कड़ी निंदा की
मेरठ। भारत-तिब्बत समन्वय संघ के केंद्रीय संरक्षक व पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि भारत-तिब्बत समन्वय संघ चीन के खिलाफ वैश्विक जनमत तैयार करेगा। उन्होंने चीन की वामपंथी सरकार द्वारा 99 फीट ऊँची बुद्ध की एक प्रतिमा को ध्वस्त करने की कड़ी निंदा करते हुए ऐसे वामपंथियों का तालिबानी संस्करण बताया। कहा कि चीन तिब्बत की संस्कृति और सभ्यता को मिटाने के लिए जिस प्रकार प्राण प्रण से जुड़ा है, उसके खिलाफ भारत सहित समूचे विश्व को एकजुट होना पड़ेगा। चीन की इस दमनकारी नीति का विरोध करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि चीन की वामपंथी सरकार ने 99 फीट ऊँची बुद्ध की एक प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया है। इसी के साथ प्रार्थना के लिए 45 पहियों को भी जमींदोज कर दिया। यह घटना तिब्बत के ड्रैगो में खाम की है। इस प्रतिमा को बने हुए अभी 6 वर्ष ही हुए थे। बौद्धों के पास इसके जरूरी कागजात भी थे। इस मूर्ति का ध्वस्तीकरण 12 दिसम्बर 2021 से शुरू हुआ। इसको तोड़ने में 9 दिन लगे। इस घटना की पुष्टि रेडियो फ्री एशिया ने की है। उसने इसकी सैटेलाइट तस्वीरों को भी जारी किया है, जिसमें पहले एक बड़े सफेद छाते के नीचे खड़ी सफेद मूर्ति अब मलबा बन चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक इस मूर्ति का निर्माण स्थानीय तिब्बती लोगो ने 5 अक्टूबर 2015 को करवाया था। इसमें लगभग $6.3 मिलियन का खर्च आया था। इसके ध्वस्तीकरण को देखने के लिए स्थानीय बौद्धों को मजबूर भी किया गया। चीनी अधिकारियों ने इसकी अधिक ऊँचाई होने का बहाना बनाया था। जबकि इसका निर्माण पूरे कानूनी दायरे में किया गया था।
तालिबान के नक्शे कदम पर चीन
भारत तिब्बत समन्वय संघ ने इस घटना को तालिबानी हरकत बताया है। मूर्ति का चित्र अपने फेसबुक पर डालते हुए संगठन के पदाधिकारियों ने लिखा है, चीन तालिबान के नक्श-ए-कदम पर चल रहा है। तालिबान द्वारा बामियान में बुद्ध की प्रतिमा को नष्ट करने के बाद चीनी अधिकारियों ने सिचुआन के एक तिब्बती क्षेत्र में भगवान बुद्ध की 99 फुट की प्रतिष्ठित मूर्ति को ध्वस्त कर दिया और तिब्बती भिक्षुओं को यह विनाश देखने के लिए मजबूर किया।
अभियान में हजारों बौद्ध भिक्षु हुए बेघर
तिब्बत के बौद्ध निवासियों पर चीनी अधिकारियों और पुलिस का अत्याचार लगातार जारी है। इस ध्वस्तीकरण अभियान के मुखिया का नाम वांग डांग शेंग है। बताया जा रहा है कि इससे पहले वो सिचुआन के लरंग बुद्धिस्ट एकेडमी को भी ध्वस्त कर चुके हैं। इस अभियान में हजारों बौद्ध भिक्षु बेघर हो गए थे। उनके घरों को भी तोड़ दिया गया था।