अपना मुज़फ्फरनगर
स्वास्थ्य अधिकारी को लेकर चेयरमैन की सीएमओ से हुई तकरार

-नगर पालिका चेयरपर्सन ने नया स्वास्थ्य अधिकारी भेजने की शासन से लगाई गुहार
-नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कमरे पर पालिकाध्यक्ष ने लिखवा दिया जलकल अभियंता कार्यलय
मुजफ्फरनगर। नगर पालिका से डा. बिजेन्द्र सिंह के हटने और नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर डा. अतुल कुमार की तैनाती होने के बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ है। सीएमओ के द्वारा नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर डा. अतुल कुमार की तैनाती करने पर विवाद और अधिक बढ़ गया है। इस तैनाती को लेकर पालिकाध्यक्ष और सीएमओ के बीच रार शुरू हो गई। इस रार के चक्कर में नगर पालिका में नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद खाली रह सकता है। नगर पालिका में बने नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कमरे पर पालिका अध्यक्ष ने जलकल अभियंता कार्यालय का नाम अंकित करा दिया है। नगर पालिका से नगर स्वास्थ अधिकारी का कमरा खत्म कर दिया गया है। पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने शासन से नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर डाक्टर की तैनाती करने की मांग की है। उन्होंने ऐसे नगर स्वास्थ्य अधिकारी की शासन से मांग की है जो किसी राजनीति में लिप्त न हो और नगर की सफाई व्यवस्था दुरूस्त करा सके। अब पालिकाध्यक्ष ने स्वयं शहर की सफाई व्यवस्था पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। सोमवार को पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवान ने स्वयं सड़क पर उतर कर मेरठ रोड पर डिवाइडर के दोनों तरफ सफाई कराई, इस दौरान सफाई कर्मचारी अरविन्द कुमार उर्फ सोनू पालिकाध्यक्ष के साथ वायरल वीडियो में एक नेता की तरह नजर आए, जबकि अरविन्द्र कुमार भी सफाई कर्मचारी है और इनकी भी वार्ड में सफाई के लिए ड्यूटी है , लेकिन इन्हें कभी सफाई कार्य करते हुए नहीं देखा गया है । नगर पालिका में टिपर घोटाले के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद विवादित बनकर रह गया है । तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा . बिजेन्द्र सिंह के द्वारा टिपर घोटाले को लेकर पालिका को हुई करीब 1.20 करोड़ की क्षति को उजागर किया गया था । वहीं उन्होंने पालिका को टिपर वाहन देने वाले ठेकेदार को भी फर्जी साबित किया था। उधर ईओ हेमराज सिंह ने भी पिछले दिनों पत्र जारी करते हुए इस ठेकेदार से अनुबंध खत्म करने के लिए कहा था, लेकिन पालिकाध्यक्ष के स्तर से इस ठेकेदार के साथ अभी तक अनुबंध खत्म नहीं किया गया है। इस ठेकेदार के द्वारा चार टिपर वाहन और खरीदे गए है , लेकिन इन चार टिपर वाहन को रिसीव करने के लिए डा. बिजेन्द्र सिंह पर दबाव बनाया गया। डा. बिजेन्द्र सिंह दबाव में नहीं आए और पालिकाध्यक्ष के साथ विवाद शुरू हो गया। पालिकाध्यक्ष ने डा. बिजेन्द्र सिंह पर शहर की सफाई व्यवस्था खराब होने का ठिकरा फोड दिया और डा. बिजेन्द्र सिंह को पद मुक्त करने और उन्हें निलम्बित करने की संस्तुति करते हुए सीएमओ को पत्र भेज दिया। सीएमओ ने पालिकाध्यक्ष के पत्र पर संज्ञान लेते हुए डा. बिजेन्द्र सिंह को नगर पालिका से हटा दिया। सीएमओ ने उनके स्थान पर डा. अतुल कुमार की तैनाती नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कर दी। इस तैनाती को लेकर पालिकाध्यक्ष बिखर गई। उन्होंने सीएमओ के इस आदेश पर कड़ी नाराजगी जताई और आदेश की कडे शब्दों में निंदा भी की। डा. अतुल कुमार के द्वारा टिपर प्रकरण को लेकर शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस रिपोर्ट के दर्ज होने पर पालिका की बोर्ड बैठक में राजनीति के तहत सभासद प्रवीण कुमार पीटर के द्वारा डा. अतुल कुमार पर हमला करा दिया गया था। बोर्ड बैठक में प्रवीण पीटर ने डा . अतुल के साथ धक्का मुक्की करते हुए मारपीट कर दी थी। जिसकी बाद में वीडियो वायरल हो गई थी। डा. अतुल कुमार ने शहर कोतवाली पहुंच कर सभासद प्रवीण कुमार और विपुल भटनागर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्रवीण पीटर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस प्रकरण में दूसरे सभासद विपुल भटनागर की गिरफ्तारी नहीं हो पायी थी। रिपोर्ट दर्ज और सभासद प्रवीण पीटर के जेल जाने से नाराज करीब 40 सभासदों ने बोर्ड बैठक में डा. अतुल को हटाने का प्रस्ताव पास किया था। इस संबंध में पालिकाध्यक्ष स्वयं सभासदों के साथ डा. अतुल कुमार को हटाने के लिए डीएम से मिली थी। डा. अतुल को राजनीति के तहत नगर पालिका से हटा दिया गया था। अब फिर ने सीएमओ ने डा. अतुल कुमार को नगर स्वास्थ्य अधिकारी का चार्ज देकर विवाद खड़ा कर दिया है। पालिकाध्यक्ष ने बताया कि डा . अतुल को नगर पालिका से हटे तीन माह और 27 दिन हुए है। डा. अतुल कुमार को फिर से नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर तैनात करने का सीएमओ का आदेश गलत है। उन्होंने सीएमओ को पत्र भेजते हुए डा. अतुल कुमार की तैनाती को निरस्त करने की मांग की है। पालिकाध्यक्ष ने कहा कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर उस डाक्टर की तैनाती की जाए जो राजनीति से अलग हो। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई डाक्टर नहीं है तो फिर शासन स्तर से नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर तैनाती की जाएगी। तब तक नगर पालिका में नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद रिक्त रहेगा।




