चर्चित रेडियोलोजिस्ट डा.सुभाष बालियान के खिलाफ मुकदमा दर्ज
फर्जी एमआरआई रिपोर्ट देने का विरोध करने पर मरीज के परिजनों को धमकी दी थी

मुजफ्फरनगर। रेडियोलोजिस्ट डा.सुभाष बालियान के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने के मामले में केस दर्ज हो गया है। आरोप है कि डा. बालियान ने एक मरीज को फर्जी एमआरआई रिपोर्ट दे दी थी। इसका विरोध करने पर मरीज के पति का मोबाइल छीन लिया। जान से मरने की धमकी भी दी। जिसके बाद पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग बिना रजिस्ट्रेशन संचालन पर रेडियोलोजिस्ट की एमआरआइ मशीन पहले ही सील कर चुका है। फर्जी रिपोर्ट देने के मामले में भी चिकित्सक जांच के दायरे में है। मिर्जा गुलजार बेग 1 अप्रैल को अपनी पत्नी शीजा खानम की एमआरआइ जांच रिपोर्ट लेने के लिए रेडियोलोजिस्ट डा. सुभाष बालियान के रेलवे स्टेशन रोड स्थित मुजफ्फरनगर इमेजिंग सेंटर गए थे। गुलजार बेग का आरोप है कि रेडियोलोजिस्ट चिकित्सक ने उनकी पत्नी की फर्जी एमआरआइ रिपोर्ट बनाकर दे दी। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में दर्शाया गया था कि उसकी पत्नी शीजा खानम की दाईं ओवरी नार्मल है। जबकि उनकी पत्नी आपरेशन के बाद दाईं ओवरी दो वर्ष पहले ही शरीर से निकलवा चुकी हैं। रिपोर्ट पर शक होने पर उन्होंने डा. सुभाष बालियान व सेंटर स्टाफ से इस बारे में बात की। जिस पर वहां मौजूद लोगों ने उनका मोबाईल छीन लिया। आरोप है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। थाना सिविल लाइन पुलिस ने शिकायत का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए आरोपी रेडियोलोजिस्ट डा. सुभाष बालियान व 3-4 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
रजिस्ट्रेशन न होने पर एमआरआइ मशीन सील
फर्जी एमआरआइ रिपोर्ट दिये जाने की शिकायत पर डीएम चन्द्रभूषण सिंह के निर्देश पर सीएमओ डा. एमएस फौजदार ने मुजफ्फरनगर इमेजिंग सेंटर की जांच के आदेश दिये थे। डीएम के आदेश पर सिटी मजिस्ट्रेट अनूप सिंह ने एसीएमओ डा.प्रशांत कुमार को साथ लेकर सेंटर पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान रेडियोलोजिस्ट चिकित्सक व सिटी मजिस्ट्रेट के बीच काफी गर्मागर्मी भी हुई थी। टीम में शामिल अधिकारियों ने सेंटर के रजिस्ट्रेशन आदि चेक किये तो पाया कि सीटी स्कैन संचालन का तो रजिस्ट्रेशन लिया गया था। जबकि एमआरआइ मशीनों के संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग से वैध अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी। जबकि एमआरआइ मशीन संचालन के लिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया गया था। जिस पर एसीएमओ डा. प्रशांत कुमार ने तुरंत ही एमआरआइ मशीने सील कर दी थी।