वानिया सुसाइड केस: खाकी की लापरवाही खुली, अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष ने लगाई फटकार

मेरठ के चर्चित वानिया सुसाइड केस में खाकी की लापरवाही खुलकर सामने आई।सुभारती डेंटल कॉलेज की छात्रा वानिया शेख आत्महत्या प्रकरण की जांच करने के लिए सोमवार को अल्पसंख्यक आयोग की टीम मेरठ पहुंची। टीम ने सुभारती कैम्पस पहुंचकर घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। चेयरमैन ने जांच अधिकारी को मौके पर तलब किया और जानकारी जुटाई। वे छात्रा के परिजनों से भी मिले। चेयरमैन ने कहा, जांच आख्या पुलिस प्रशासन से मांगी गई थी, जो जांच रिपोर्ट आयोग को भेजी गई है, उसमें काफी त्रुटियां है, जिसे सही करने के लिए टीम को मेरठ आना पड़ा। पुलिस कप्तान से भी जवाब मांगा गया है। आखिर लापरवाही क्यों बरती गई।
गौरतलब है की वानिया असद शेख सुभारती विवि से बीडीएस द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। एक सहपाठी सिद्धांत द्वारा छेड़े जाने से आहत होकर वानिया ने कॉलेज की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। आरोपी छात्र सिद्धांत सिंह पंवार निवासी शिवालिक नगर हरिद्वार पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा बढ़ाकर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। इस मामले में सोमवार को अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन असफाक शैफी पांच सदस्यीय टीम के साथ मेरठ पहुंचे। मृतक वानिया शेख के रशीदनगर स्थित आवास पर सांत्वना दी। मृतक वानिया के दादा ने अपना दर्द बयाँ किया तो आयोग चेयरमैन अशफाक सैफी की आँखे छलक उठी। अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन ने कहा, मोदी सरकार एवं योगी सरकार ईमान, इकबाल और इंसाफ की सरकार है। आयोग दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का काम करेगा।
जांच रिपोर्ट देखकर खफा हुए चेयरमैन
मीडिया से बात करते हुए चेयरमैन ने कहा की छात्रा वानिया शेख की मौत के मामले में उन्होंने जांच आख्या सीओ सरधना व एसओ जानीखुर्द से मांगी थी। जिसमें काफी त्रुटिया पायी गयी है। इस मामले में एसएसपी रोहित सजवाण ने जांच अधिकारी नियुक्त किया था। दो नवम्बर का जांच अधिकारी को भेजने के लिए कहा गया था। लेकिन वह वहां पर नहीं पहुंचे, जो व्यक्ति जांच की रिपोर्ट लेकर पहुंचा था उसमें पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं थी।
रिपोर्ट में नहीं थी प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही:
चेयरमैन ने बताया की घटनास्थल पर मौके पर प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही नहीं थी। सीसीटीवी की फुटेज को भी नहीं भेजा गया। फोरेंसिक रिपोर्ट को भी नहीं भेजा गया। उन्होंने बताया, इसमें सुभारती विवि की लापरवाही दिखाई दे रही है। अल्पसंख्यक आयोग इस मामलें में एसआईटी के गठन की सिफारिश करेगा।
विवेचना अधिकारी को लगायी फटकार
सुभारती विश्वविद्यालय मे घटना स्थल का निरीक्षण किया। सुभारती प्रशासन से मामले की पूरी जानकारी ली। मामले की विवेचना कर रहे सोनवीर सिंह तोमर को इस दौरान उन्होंने कड़ी फटकार लगायी। कहा, जो घटनाक्रम में दोषी है, उनको बचाने की कोशिश न की जाए। इसमें कोई बख़्शा नहीं जाएगा।