अंधेरे में रोशनी की एक किरण है,भगवान महावीर का अहिंसा का संदेश: प्रो. केवीएसएम कृष्णा
अलीगढ़।सारा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है इस संकट काल में ईश्वर की भक्ति आराधना करना ही सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि कुल मिलाकर विश्व का मानव आज स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है,कोरोना से भयाक्रांत है। इस हालात के इन भीषणतम अंधेरों में रोशनी की एक किरण हो सकती है,भगवान महावीर की अहिंसा जिसके आधार पर जियो और जीने दो का अमृत तत्व आज हम सभी को मिला है।
यह बात मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने महावीर जयंती पर कहा कि भगवान महावीर के बताए हुए मार्ग पर यदि हम सब निरंतर चलते रहे तो हमें जीवन में कभी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि भगवान महावीर का जीवन पूर्ण रूप से पारदर्शिता था। वही जैन धर्म के मूर्धन्य विद्वान प्रो जयंतीलाल ने तीर्थंकर महावीर के बचपन की घटना सुनाते हुए कहा कि बालक बर्धमान की माता त्रिशला ने अपने बालों से में लगे फूलों को दिखाते हुए पूछा बेटा मैं कैसी लग रही हूं, तो भविष्य के मृत्युंजय महावीर ने कहा कि दूसरों का घर उजाड़ कर क्या भला आप सुंदर कैसे लग सकती हो, कुल मिलाकर महावीर ने अहिंसा को जिया और शत्रु मित्र के बीच समता भाव रखा।
ना वो पूजने वाले से प्रसन्न हुए न पैर में दंश मारने वाले सर्प से नाराज और उन्होंने कहा कि हम ऐसा जीवन जिये कि हमारा सुख दूसरों का दुख ना बने क्योंकि जब कभी अपना सुख दूसरों का दुख बनने लगता है ,उसी क्षण जीवन में नर्क का रास्ता खुलने लगता है और इसके साथ ही उन्होंने अहिंसा के साथ-साथ शाकाहारी होने का भी संदेश दिया वर्तमान हालात को देखते हुए! इस अवसर पर महावीर जन्म कल्याणक की शुभकामना देते हुए विवि के कुलसचिव ब्रिगेडियर समर वीर सिंह ने अपनी बात को रखते हुए कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांतों को जीवन में अपनाते हुए जीवन यापन करना चाहिए क्योंकि महावीर के संदेश जन जन के लिए है।इस अवसर पर डॉ. सिद्धार्थ जैन,मयंक जैन, लीलाबेन ,महेंद्र जैन आदि मौजूद रहे।