ताजा ख़बरें

“महात्मा गांधी! जिनकी विरासत ने दुनिया को सत्य अहिंसा और सत्याग्रह की राह दिखाई”….

(डॉ. रश्मि जहां)

महात्मा गांधी भारतीय इतिहास के एक ऐसे व्यक्ति है, जिन्होंने देश हित के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी। वह आजादी के आंदोलन के एक ऐसे सामाजिक परिवर्तक थे।जिन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजी शासको के नाक में दम कर दिया था। सुभाष चंद्र बोस ने 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण मैं उन्हें राष्ट्रपिता कहकर संबोधित करते हुए आजाद हिंद फौज के सैनिकों के लिए उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएं मांगी थी। उनकी सत्य और अहिंसा की विचारधारा से मार्टिन लूथर किंग नेलसन मंडेला भी काफी प्रभावित थे।
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था। मोहनदास की माता का नाम पुतलीबाई था। जो करमचंद गांधी जी की चौथी पत्नी थी। मोहनदास अपने पिता की चौथी पत्नी की अंतिम संतान थे। महात्मा गांधी को ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का “राष्ट्रपिता “माना जाता है।
भारत की आजादी की मांग के साथ ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई। महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत की आजादी का बड़ा संग्राम शुरू हुआ, क्योंकि उन्होंने केवल राजनीतिक परिवर्तन ही नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन भी लाया ,क्योंकि उन्होंने ने केवल लोगों का नेतृत्व किया, बल्कि परिवर्तन का भी नेतृत्व किया। महात्मा गांधी लोगों के मन,हृदय, दृष्टिकोण,आदतों,व्यवहार को बदलना चाहते थे। उन्होंने बदलती धारणाओ और दृष्टिकोणो के माध्यम से परिवर्तन लाने पर ध्यान केंद्रित किया।जिन्होंने हमें मूल्य सिखाएं और अहिंसा, समानता ,स्वच्छता आदि का प्रचार किया। उन्होंने सामाजिक परिवर्तन लाने के साथ-साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। वह अपने समय के सबसे महान नेतृत्व कोच थे। महात्मा गांधी जी ने लोगों को ” रघुपति राघव राजा राम.पतित पावन सीताराम ” भजन के साथ अहिंसा का मार्ग दिखाया।
महात्मा गांधी का मानना था की किसी को जीतने के लिए हिंसा नहीं बल्कि अहिंसा का मार्ग चुनना चाहिए। गांधी जी ने अहिंसा और सत्य को हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए दो सबसे अहम हथियार बताया। असहयोग आंदोलन सविनय अवज्ञा आंदोलन चंपारण आंदोलन जैसे स्वतंत्रता आंदोलनों के माध्यम से वह हमेशा मानवाधिकार के लिए खड़े रहे। बापू ना सिर्फ पिछडी पीढ़ी के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अपनी विचारधारा की वजह से एक सच्ची प्रेरणा है। बापू ने यह सीख दी है कि अहिंसा,सत्य और सहिष्णुता समाज कल्याण के सबसे बड़े हथियार है।गांधी जी की एक खूबी है, अनुभव से प्राप्त सिद्धांत को वे समाज के बीच ले जाने की कोशिश करते है। इसलिए उन्होने कहा कि हमें सत्य और अहिंसा को केवल व्यक्तिगत जीवन के प्रयोग की वस्तु नहीं समझनी चाहिए, बल्कि संगठन समुदाय और राष्ट्र को प्रयोग के लिए प्रेरित करना चाहिए, गांधी जी की महानता इस बात में थी, कि निजी जीवन मूल्यों का उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक प्रतिरोध के सार्वजनिक मूल्य के रूप में पुन: अविष्कार किया और कहा “अहिंसा व्यक्ति द्वारा अपनी शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अपनाया जाने वाला कोई ऐकांतिक गुण नहीं बल्कि यह सामाजिक आचरण का एक नियम है।.. “रोजमर्रा के मामलों में अहिंसा का आचरण करने से उसके सच्चे मूल्य का पता चलता है।”कि जिनकी विरासत ने एक राष्ट्र की सामूहिक चेतना पर एक स्थाई छाप छोड़ी है। हमें गांधी जी के जीवन से बहुत कुछ सीखना है, सत्य और अहिंसा के उनके सिद्धांत हमें ईमानदारी के साथ जीवन जीने के बारे में बहुत कुछ सीखते हैं। सत्याग्रह की अवधारणा को लाने के लिए भारतीय स्वतंत्रता इतिहास में वह एक जानी मानी हस्ती है, जिसका अर्थ है कि सत्य बल का पालन करना, नागरिक प्रतिरोध का एक विशेष रूप है
महात्मा गांधी का आजादी संग्राम में योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अमूल्य माना जाता है। उनके द्वारा शुरू की गई आंदोलनों और विचारों ने देश को स्वतंत्रता की दिशा में आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी। आज भी महात्मा गांधी के मूल्यों और विचारों का महत्व है और हमें उनकी आदशौं का पालन करके देश की उन्नति के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।


डॉ. रश्मि जहां

Assistant professor department of education के पद पर Shri Dronacharya PG College Dankaur Greater Noida में कार्यरत हैं।

TRUE STORY

TRUE STORY is a Newspaper, Website and web news channal brings the Latest News & Breaking News Headlines from India & around the World. Read Latest News Today on Sports, Business, Health & Fitness, Bollywood & Entertainment, Blogs & Opinions from leading columnists...

Related Articles

Back to top button