साहित्य

हिम्मत कभी न हारो मन की..सरिता जैन

विश्वास करें कि आप सफल हो सकते हैं और आप हो जाएँगे
हिम्मत कभी न हारो मन की,
स्वयं पर अटूट विश्वास रखो।
मंजिल खुद पहुंचेगी तुम तक,
मन में सोच कुछ खास रखो।
सफलता पाना यानी अपनी इच्छाओं की पूर्ति करना और अपने मनपसंद वातावरण के साथ साथ अपनी पसंदीदा वस्तुओं को प्राप्त करना जो हर मनुष्य की चाहत होती है जीवन में अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए हर इंसान निरंतर प्रयास करता है यानी हर इंसान चाहता है कि वह अमीर हो, उसका शानदार घर हो, देश एवं विदेश भ्रमण के लिए सुख सुविधाएं उपलब्ध हो, मार्केट में आने वाली हर नई वस्तु उसके पास उपलब्ध हो,भविष्य के लिए आर्थिक सुरक्षा के साथ ही अपने बच्चों व अन्य परिवार जनों को ज्यादा से ज्यादा खुशहाली देना यह हर मनुष्य का सपना होता है इसके साथ ही मनुष्य अपनी सफलता का एक और मतलब निकालता है वह है समाज संसार मे प्रशंसा का पात्र बनना, लीडर बनना,अपने बिजे़नस और सामाजिक जीवन में सम्मान पाना,डर, कुंठाओं और असफलता से आज़ादी पाकर स्वयं का आत्म-सम्मान बनाये रखना पर यह सब हमारे खुद के सकारात्मक विचारों पर निर्भर है यानी जिंदगी में असली सुख और संतुष्टि पाना किसी और पर नही खुद हम पर निर्भर हैं, सफलता – उपलब्धि – मनुष्य जीवन का लक्ष्य होना चाहिये इसके लिए हमे अपने स्वयं के बनाए हुए लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर मेहनत करते रहना चाहिए असफलताओं का सामना करके भी सफलता की सीढ़ी तक पहुंचने के लिए मेहनत का यह क्रम लगातार चलते रहना चाहिए वर्तमान में अगर हम अपने आसपास के माहौल को देखेंगे तो
हर इंसान चाहता है कि उसे जिंदगी का हर सुख मिले,कोई भी मनुष्य घिसट घिसटकर ज़िन्दगी नहीं जीना चाहता। कोई भी इस तरह का जीवन नहीं गुज़ारना चाहता जिसमे उसे कष्टों का सामना करना पड़े इन सब सुविधाओं की चाह रखने के बाद भी मनुष्य सकारात्मक कम नकारात्मक ज्यादा सोचता है वह सिर्फ सुविधाएं पाने के सपने देखता है जबकि आवश्यकता मनुष्य को सुविधाओं को प्राप्त करने का लक्ष्य बनाकर निरंतर कार्य करने की होती है जिस पर वह ध्यान नहीं देता हमारी जिस भी फील्ड में कार्य करने की इच्छा हो उस फील्ड में मेहनत करने से निश्चित ही सफलता मिलती है जिसके उदाहरण समय-समय पर हमारे सामने आते रहते हैं सफल जीवन हेतु हमे अपने कार्य पर आस्था और विश्वास रखना होगा। विश्वास करें कि हम यह काम कर सकते हैं इसके बाद हम जिस काम को करने की सोचते हैं निश्चित ही हमारा वह काम सफल होता है हमने अभी तक आस्था और इच्छा के बीच के अंतर को ठीक से नहीं समझा है, सच है यह कि केवल इच्छा करने भर से आप सफल नहीं हो सकते, केवल इच्छा करने भर से आप पाँच मंजिल मकान और शोरूम फैक्टरी के मालिक नहीं बन जाते या हम अमीर नहीं बन जाते। केवल इच्छा करने भर से आप लीडर भी नहीं बन जाते लेकिन इच्छा के साथ खुद पर भरोसा करके और अपने काम पर आस्था रखकर आप सफलता हासिल कर सकते हैं।
सोच हमारी सही दिशा पर,
संकल्पों का संग रथ हो।
दृढ़ निश्चय कर लक्ष्य को भेद।
चाहे कितना कठिन पथ हो।
सरिता जैन मुरैना ✍?

TRUE STORY

TRUE STORY is a Newspaper, Website and web news channal brings the Latest News & Breaking News Headlines from India & around the World. Read Latest News Today on Sports, Business, Health & Fitness, Bollywood & Entertainment, Blogs & Opinions from leading columnists...

Related Articles

Back to top button