धर्म
‘विचारों में निर्मलता लाना ही शौच धर्म’

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-दिगंबर जैन मंदिर में 10 लक्षण पर्व धूमधाम से मनाया
मेरठ। आनंदपुरी स्थित दिगंबर जैन मंदिर में सोमवार को 10 लक्षण पर्व धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम भगवान को पांडुकशिला पर विराजमान करके अभिषेक किया गया। इसके उपरांत भगवान पर शांति धारा की गई। शांति धारा का सौभाग्य विपिन जैन एवं सत्येंद्र जैन को प्राप्त हुआ।
इसके बाद 10 लक्षण पर्व के विशेष अवसर पर चौथे दिन सम्मेद शिखर विधान किया गया। उत्तम शौच धर्म की पूजा करके 17 अर्घ चढ़ाए गए। अभिषेक शांतिधारा में विनय जैन, विपिन जैन, अरुण जैन, सुनील जैन, राजीव जैन, सत्येंद्र जैन का सहयोग रहा। शाम को सामूहिक आरती की गई। प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि आज उत्तम शौच का दिन है। उत्तम शौच का अर्थ है पवित्रता। आचरण में नम्रता, विचारों में निर्मलता लाना ही शौच धर्म है। बाहर की पवित्रता का ध्यान तो हर कोई रखता है लेकिन, यहां आंतरिक पवित्रता की बात है। आंतरिक पवित्रता तभी घटित होती है जब मनुष्य लोभ से मुक्त होता है। सभी श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर पूजा विधान में भाग लिया।
शाम को होगा कवि युगल संध्या का आयोजन
श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर थापरनगर में दसलक्षण पर्व एवं हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कवि युगल संध्या का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय कवि सौरभ जैन सुमन एवं डा. अनामिका जैन अम्बर की प्रस्तुति श्रीजी आरती के बाद शाम 7 बजे से की जाएगी।