मानसिक रूप से थक चुके जूनियर्स डाक्टर्स, इसलिए हड़ताल पर: डा. अनिल नौसरान

मानसिक रूप से थक चुके जूनियर्स डाक्टर्स, इसलिए हड़ताल पर: डा. अनिल नौसरान
-संपूर्ण भारत के अंदर सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
मेरठ। आईएमए के पूर्व सचिव डा. अनिल नौसरान ने बताया कि संपूर्ण भारत के अंदर सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। मैं इन सभी जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन करता हूं, पूरे भारत में 542 मेडिकल कॉलेज है और लगभग 64 पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल इंस्टिट्यूट है, जहां पर एमबीबीएस के बाद एमडी, एमएस की पढ़ाई होती है। जूनियर डॉक्टर शिक्षा ग्रहण करते हैं और अनुभव ग्रहण करते हैं।
पूर्व सचिव ने बताया कि विगत डेढ़ वर्षों से सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर रात दिन मरीजों की सेवा कर रहे हैं और ऐसा करते हुए वह थक चुके हैं। मानसिक रूप से परेशान है, इसलिए वे परेशान है। क्योंकि इन सभी चिकित्सालयों में 40% जूनियर डॉक्टर्स की कमी हो गई है क्योंकि, अभी तक नए जूनियर डॉक्टर्स की काउंसलिंग नहीं हुई है। काउंसलिंग के बाद ही उनका एडमिशन होगा। मेडिकल कॉलेज में एमडी, एमएस की पढ़ाई का कोर्स 3 वर्षों में बटा रहता है। प्रत्येक वर्ष अलग-अलग कार्यक्रम के दौरान से गुजरना पड़ता है। जूनियर डॉक्टर्स की समय से ज्वाइनिंग न होने के कारण इन सभी जूनियर डॉक्टर्स की ट्रेनिंग के ऊपर प्रभाव पड़ रहा है, कहीं ना कहीं इनकी ट्रेनिंग में कमी रह जाएगी, जो कि भविष्य में हमारे चिकित्सा तंत्र को प्रभावित करेगी। दूसरी ओर जिस वार्ड में 40 मरीज होने चाहिए, वहां पर सौ से डेढ़ सौ मरीज भर्ती हैं। 40 परसेंट जूनियर डॉक्टरों की कमी है, उसके उपरांत विगत डेढ़ वर्षो की लगातार मैराथन दौड़ करते हुए जूनियर डॉक्टर शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए हैं और भर्ती मरीजों की पूरी क्षमता के साथ सेवा नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण मरीजों के तीमारदारों के बीच में चिकित्सकों के प्रति एक नफरत और दुर्भावना की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिसमें कि इन जूनियर चिकित्सकों का कोई योगदान नहीं है।
सरकार की नीतियों का परिणाम
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब सरकार की नीतियों का परिणाम है। अगर सरकार चाहे तो 24 घंटे के अंदर इस समस्या का पटाक्षेप कर सकती है। लेकिन, ऐसा नहीं करेगी क्योंकि, इंन डॉक्टर से उनके चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। अभी किसी आतंकवादी या किसी बड़े राजघराने की कोई समस्या आ जाए तो आधी रात को भी सुप्रीम कोर्ट को खुलवाकर निर्णय दिलवा दिया जाता है।
जूनियर डॉक्टर्स की समस्या को तत्काल संज्ञान में लिया जाए
उन्होंने भारत सरकार से निवेदन किया है कि वह जूनियर डॉक्टर्स की समस्या को तत्काल संज्ञान में ले। सुप्रीम कोर्ट से डायरेक्शन लेकर तत्काल काउंसलिंग कराएं और अविलंब ज्वाइनिंग कराए। इन भावी चिकित्सकों को अच्छी ट्रेनिंग देकर भविष्य के चिकित्सक बनाने में अपना योगदान करें।