
UP के ग्रेटर नोएडा में श्री द्रोणाचार्य पी.जी. कॉलेज, दनकौर के विज्ञान संकाय द्वारा आज विद्यार्थियों के कौशल विकास एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को प्रोत्साहित करने हेतु एक क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्राणीशास्त्र विभाग की प्रभारी डॉ. रेशा के मार्गदर्शन में आयोजित इस शैक्षणिक गतिविधि का विषय था — “The Basic Concepts of Zoology”। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में प्राणीशास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों की गहन समझ विकसित करना था।
बी.एससी. (ZBC) वर्ग के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी वैज्ञानिक जिज्ञासा एवं प्रतिभा का परिचय दिया।
इन्हे मिला अवार्ड..
🥇 प्रथम स्थान — साजिया ख़ान (बी.एससी. तृतीय वर्ष)
🥈 द्वितीय स्थान — शशांक सैनी (बी.एससी. प्रथम वर्ष)
🥉 तृतीय स्थान (संयुक्त) — कुमकुम भाटी (बी.एससी. तृतीय वर्ष) एवं सानिया (बी.एससी. प्रथम वर्ष)
कार्यक्रम में मानविकी संकाय से डॉ. संगीता एवं विज्ञान संकाय से महिपाल ने अपनी उपस्थिति और सहयोग प्रदान किया।
अंत में डॉ. रेशा ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए ऐसी प्रतियोगिताओं के शैक्षणिक महत्व पर प्रकाश डाला, जो विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं प्रतिस्पर्धात्मक भावना का विकास करती हैं।
🌿 उत्साह, जिज्ञासा और प्रेरणा का संगम…
क्विज़ प्रतियोगिता के दौरान कॉलेज के विज्ञान भवन में विद्यार्थियों का उत्साह देखने लायक था। हर प्रश्न के साथ छात्रों के चेहरे पर एक अलग ही एकाग्रता झलक रही थी — मानो किताबों के पन्ने उनकी आंखों में उतर आए हों।
प्राणीशास्त्र विभाग की प्रभारी डॉ. रेशा न केवल प्रश्नों की तैयारी में लगी रहीं, बल्कि विद्यार्थियों को यह भी समझाती रहीं कि “ज्ञान केवल परीक्षा पास करने का माध्यम नहीं, बल्कि सोचने का तरीका है।”
उनके इस वाक्य ने कई विद्यार्थियों को प्रेरित किया, खासकर प्रथम वर्ष की छात्रा सानिया, जिसने साझा तीसरा स्थान हासिल किया। उसने बताया — “यह मेरे लिए पहला कॉलेज-स्तरीय प्रतियोगिता अनुभव था। अब समझ आया कि पढ़ाई सिर्फ याद करने के लिए नहीं, समझने के लिए होती है।”
वहीं, विजेता साजिया ख़ान ने कहा — “ऐसी प्रतियोगिताएँ आत्मविश्वास बढ़ाती हैं। अब मैं UGC-NET और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को लेकर और गंभीर हूँ।”
कॉलेज के स्टाफ और शिक्षकों के सहयोग से आयोजित यह क्विज़ सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं रही, बल्कि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, संवाद क्षमता और टीमवर्क की भावना जगाने वाला एक अनुभव बन गई।