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बेसिक शिक्षको के बीच महानायक बनी TSCT टीम, काल का ग्रास बने साथियों की कर चुके 2 करोड़ की मदद

प्रयागराज। हिम्मत व होंसले की बानगी देखनी हो तो इसके लिए विवेकानंद टीम का नाम ही काफी है। पुरानी पेंशन खत्म होने के बाद अब सूबे के बेसिक शिक्षकों को मौत के बाद भी सरकार से न कोई मदद मिलती न ही कोई संगठन इमदाद कर पाता तो ऐसे में सेल्फ केयर टीम महानायक के रूप में उभरी।
उत्तर प्रदेश के जिला प्रयागराज से जौलाई 2020 में जिस समय इस संगठन का गठन हुआ था तब किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि यह पौध वट वृक्ष बन जायेगा। कोरोना काल में जब बड़े-बड़े सूरमा जमींदोज हो चुके थे, तब चंद लोगों की इस टीम ने वह काम कर दिखाया जो आसान नहीं था। विभिन्न संगठनो से लेकर राजनीतिक दलो ने प्रयास किये की चुनाव टल जाये ताकि कर्मचारियों की मौत न हो सके। लेकिन सरकार ने एक न सुनी। यहां तक की कोर्ट के आदेश पर चुनाव भी हो गये। नतीजा यह हुआ कि सूबे के हजारो शिक्षक काल का ग्रास बन गये। ऐसे में शिक्षकों ने अपनी मदद की खुद ही ठान ली। चंद बेसिक शिक्षकों की पहल से शुरू हुआ यह प्रयास आज बडी मदद बन चुका है। दस माह के भीतर काल का ग्रास बने 11 शिक्षको को दो करोड़ की मदद हो चुकी है। अभी 40 शिक्षक ऐसे है जिनकी कोरोना से मौत हो चुकी है। उनकी मदद की प्रक्रिया जारी हैं। दस माह के भीतर यहां के शिक्षको को बडी मदद मिली हैं। बता दे कि इस संस्था के गठन के साथ ही एक हजार लोग भी मुश्किल से जुड पाये थे। लेकिन यह प्रयास अब एक मिशन बन चुका है और दस माह में इस सदस्य संख्या 24 हजार पार कर चुकी है। प्रति सदस्य का दायित्व होता है कि अपने मृत साथी के नोमिनी के खाते में सौ रूपये की धनराशि ट्रांसफर करते है। यानि 24 हजार सदस्य मिलकर यह कार्य करते है तो एक नोमिनी के खाते में सीधे 24 लाख की धनराशि की योजना परवान चढ़ रही है।
बता दे कि पुरानी पेंशन योजना से वंचित शिक्षक की मौत होने पर उसके परिवार के पास कोई सहारा नहीं होता। एनपीएस तो सिर्फ छलावा बनकर रह गया था। पेंशन के नाम पर पांच सौ से दो हजार रूपये मासिक मिलने की बात कही जा रही है। वर्ष 2020 के जुलाई माह में इलाहाबाद से एक संगठन का गठन हुआ जिसका नाम टीचर्स सेल्फ केयर टीम रखा गया।
संगठन के संस्थापक विवेकानंद व सह संस्थापक के रूप में इलाहाबाद के ही सुदेश पाण्डेय, महाराजगंज के महेन्द्र वर्मा, बलिया के संजीव रजक शामिल रहे।इसकी कोर टीम में मुजफ्फरनगर के डा. फर्रूख हसन, इलाहाबाद की बबीता वर्मा, सुमन भटोनिया, अंकिता शुक्ला, हरदोई के अवनीश यादव, सीतापुर के विवेक मिश्रा व शाहजहांपुर के विपुल मिश्रा ने इस जिम्मेदारी को मजबूती के साथ निभाया। टी सी टी के गठन के अगले माह ही इलाहाबाद के शिक्षक शकील अहमद की मौत हुई तो उनके खाते में साढे सात लाख रूपये साथी शिक्षकों ने भेज दिये। इसके बाद सितम्बर माह में जालौन के विनोद के परिवार को साढे 14 लाख रूपये मिले। इसी के साथ अमेठी के अशोक प्रभाकर के परिवार को 15 लाख रूपये, जौनपुर के भरत लाल के परिवार को 16 लाख रूपये व बहराईच के अब्बास राईनी के परिवार को 17 लाख रूपये, बरेली के हरेन्द्र गंगवार के परिवार को 19 लाख रूपये, अम्बेडकर नगर की कुसुमलता की नोमिनी को 19 लाख, भदोई के त्रिभुवननाथ पटेल के खाते में 18 लाख व सहारनपुर के कुंवरपाल के परिवार के खाते में बीस लाख रूपये ट्रांसफर हुए। हाल ही में लखीमपुर खीरी के रविप्रकाश के परिवार को 22 लाख की नकदी भेजी गई।
टीचर्स सेल्फ केयर टीम के संस्थापक विवेकानंद का कहना था कि अब तक 11 लोगों की मदद की जा चुकी है। लगभग दो करोड़ से अध्कि की धनराशि ट्रांसफर हो चुकी है। सीधे खाते में धनराशि भेज दी जाती है। संगठन कोई भी पैसा किसी से खुद नहीं लेता। संगठन का उद्देश्य है कि परिवार को मदद मिले। निस्वार्थ सेवा, पारदर्शी व्यवस्था सूत्र पर संस्था काम करती हैं।

प्रदेश के शिक्षक कैसे जुड सकते है टीम से- गूगल पर जाकर टीचर्स केयर डॉट इन वेबसाईट पर क्लिक करके सदस्य बन सकते हैं।
40 सदस्य शिक्षक मदद की कतार में
लगातार प्रतिभाग करने वाले 40 शिक्षकों की कोरोना से जान जा चुकी हैं। सरकार की ओर से जो मदद होगी वह बिल्कुल अलग रहेगी। संगठन इन सभी 40 शिक्षकों के परिवार को आर्थिक मदद करेगा। जून माह में 12 परिवारों का सहयोग होगा। हर सप्ताह तीन परिवारो को लाभान्वित किया जायेगा। जुलाई व अगस्त माह में आठ-आठ परिवारों का सहयोग प्रस्तावित है। कोरोना काल में पंचायत ड्यूटी के चलते इनकी जान गई।

प्रदेश में साढे पांच लाख शिक्षकों को जोड़ने का लक्ष्यः विवेकानंद
टीचर्स सेल्फ केयर टीम के संस्थापक विवेकानंद का कहना है कि संगठन से साढे पांच लाख शिक्षकों को जोडने का लक्ष्य हैं। फ़िलहाल बेसिक शिक्षक जुड रहे हैं। आगे माध्यमिक व डिग्री कॉलिज के शिक्षकों को भी सदस्य बनाये जाने के लिए कार्ययोजना बनी हैं। दिल्ली, बिहार व उत्तराखण्ड में भी संगठन का विस्तार होगा। उनका कहना था कि हर संघ से जुडे लोग उनके संगठन में सदस्य बन सकते हैं।

उनका संगठन निस्वार्थ सेवा, पारदर्शी व्यवस्था सूत्र पर कार्य चलता हैं। टेलीग्राम ग्रुप में 49 हजार सदस्य है। वर्तमान में 24 हजार सक्रिय सदस्य कार्य करते हैं। संगठन का विस्तार बडे स्तर पर होने जा रहा है। हर जिले में टीम का गठन हो रहा है। अब तक 11 लोगों के परिवार को 2 करोड़ की मदद दी जा चुकी हैं।
डॉ.फर्रूख हसन सदस्य कोर टीम व इंचार्ज वेस्ट यूपी

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