शुकतीर्थ में आयोजित हुए कार्यक्रम में सँस्कृत भाषा के प्रचार -प्रसार की मुहिम पर बल दिया

सँस्कृत भाषा के प्रचार -प्रसार पर जिला पंचायत अध्यक्ष व जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र सिंह ने अपने सम्बोधन दिया बल
काज़ी अमजद अली
मुज़फ्फरनगर।- उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम लखनऊ द्वारा महर्षि वाल्मीकि जयन्ती समारोह के अन्तर्गत संस्कृत प्रतियोगिता का आयोजन जनपद, मण्डल व राज्य स्तर पर किया जा रहा है। मंगलवार को शुकतीर्थ में आयोजित प्रतियोगिता में संस्कृत गीत, संस्कृत भाषण, श्लोकान्तयाक्षरी, अष्टाध्यायी, कंठस्थ पाठ, अमरकोश, लघु सिद्धान्त कौमुदी, तर्क संग्रह, गद्यवाचन, कथा कथन, मूल रामायण, प्रश्नोत्तरी, श्रुतलेख, संस्कृत नाटक, शास्त्रार्थ आदि प्रतियोगिता में जनपद में स्थित तीन सँस्कृत विद्यालय के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
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— TRUE STORY (@TrueStoryUP) September 13, 2022
पश्चिम उत्तरप्रदेश के प्राचीन तीर्थस्थल शुकतीर्थ स्थित श्री शुकदेव संस्कृत माध्यमिक विद्यालय में आयोजित प्रतियोगिता का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर दिया गया। छात्रों ने अतिथियों के शुभ आगमन के लिए स्वागत गीत प्रस्तुत किया। अपने सम्बोधन में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने कहा कि संस्कृत भाषा भारतीय सनातन संस्कृति का मूल है। सँस्कृत भाषा सीखने वाले छात्र के अन्दर त्याग की भावना होती है।सँस्कृत का ज्ञान प्राप्त करने वाले छात्र सौभाग्यशाली हैं कि वह देववाणी का उच्चारण करते हैं जिससे आत्मा पवित्र होती है।गुरूकुल विद्यालयों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार प्रयासरत है। आज देश अपनी संस्कृति की ओर पुनः लौट रहा है। भारतीय संस्कृति को पूरा विश्व जान रहा है। संस्कृति के सम्मान के साथ आज देश विश्व की पांचवी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बन चुका है। विश्व गुरू बनने की ओर देश अग्रसित है। मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र सिंह ने कहा कि शुकतीर्थ में स्थित सँस्कृत विद्यालय की व्यवस्था शानदार है। यहाँ के विद्यार्थियों में ऊर्जा का संचार देखने को मिला है।पूर्व में संस्कृत विद्यालयों की अनदेखी की गयी, जिससे संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार अपेक्षित नहीं हो सका है। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। संस्कृत भाषा का संरक्षण करना आवश्यक है। पचास वर्षों से संचालित संस्कृत विद्यालयों को मैचिंग धनराशि योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जायेगा, जिसमें 15 लाख की रकम से विकास किया जायेगा। जिसकी आधी राशि को प्रशासन वहन करेगा। सँस्कृत भाषा की ओर ध्यान न देने संस्कृत के साथ सभी विषयों की शिक्षा की व्यवस्था में इन विद्यालयों में की जाएगी। कार्यक्रम का संचालन अनुज पाठक ने किया। इसके अलावा प्रधानाचार्य गिरीशचन्द उप्रेति, राणा सिंह, आचार्य प्रदीप, आचार्य अरूण, आचार्य जॉनी रानी, आचार्य सोनी जैन, कृष्ण गोपाल, एन.एम. चमौला, ब्लॉक प्रमुख अनिल राठी, मण्डल अध्यक्ष डॉ. वीरपाल सहरावत,साँस्कृतिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक पं. रामकुमार शर्मा, प्रदीप निर्वाल, रविन्द्र सिंह, प्रधानाचार्य संजीव कुमार, राजकुमार राठी आदि उपस्थित रहे।