रोग प्रतिरोधक क्षमता को करें मजबूत: डा. गुलशन राय

टीबी जागरूकता को लेकर डीएन कॉलेज में कार्यशाला का आयोजन
मेरठ। मिशन शक्ति फेस तीन के अंतर्गत देवनागरी (डीएन) महाविद्यालय में टीoबी, एचआईवी एड्स व डायबिटीज पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं को टीबी,एड्स के प्रति जागरूक करते हुए इससे बचाव के उपाय बताये गये।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गुलशन राय ने महाविद्यालय के छात्र छात्राओं को तीनों विषयों टीबी, एचआईवी एड्स व डायबिटीज पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने भारत सरकार द्वारा क्षय रोग उन्मूलन के लिए चलायी जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया टीबी,एचआईवी व डायबिटीज की जांच व उपचार सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर बिल्कुल निशुल्क किया जाता है। टीबी रोगी को पोषक तत्वों से युक्त आहार के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत पोषण भत्ते के रूप में 500 रुपए प्रतिमाह इलाज के दौरान दिए जाते हैं। यह राशि रोगी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। उन्होंने कहा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर सभी बीमारियों से बचा जा सकता है। इस लिए जरूरी है कि खानपान और व्यायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करें। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अजय कुमार, उपप्राचार्य डॉ बीएस यादव ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि सभी छात्र कार्यशाला में बतायी गयी प्रत्येक बात को अपने जीवन में उतारें । कार्यक्रम में क्षय रोग विभाग की जिला पीपीएम कोआॅर्डिनेटर शबाना बेगम ने छात्र व छात्राओं को पौष्टिक आहार की जानकारी दी। उन्होंने बताया जिस तरह से आज की जीवन शैली है उसमें हमें अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए और अगर हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखें तो बीमारियों से भी बचा जा सकता है। इसलिए पौष्टिक आहार का सेवन करें। सुबह के नाश्ते पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कोशिश करें कि प्रोटीन युक्त चीजों को खाने में शामिल करें। दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, दही, अंडा आदि का सेवन करना चाहिए। जंक फूड का सेवन न किया जाए तो बेहतर है। अपने आसपास वातावरण को स्वच्छ बनाए रखें।
एचआईवी व एड्स के बारे में विस्तृत जानकारी दी
क्षय रोग विभाग के एमडीटी कोआॅर्डिनेटर रविंद्र यादव ने सभी को एचआईवी व एड्स के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जिसमें उन्होंने एचआईवी पॉजिटिव को एआरटी से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा एचआईवी पॉजिटिव को भी समाज में जीने का अधिकार है उसको भी सम्मान से जीने का अधिकार देना होगा। किसी प्रकार की छुआछूत नहीं करनी चाहिए, अगर कोई भी एचआईवी पॉजिटिव नियमित रूप से दवा लेता हैं तो वह लंबे समय तक सामान्य जीवन जी सकता है।
इनका रहा योगदान
कार्यक्रम का संचालन डॉ. वंदना गर्ग ने किया। उन्होंने बदलती जीवन शैली में पोषक तत्व की महत्वता के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। महाविद्यालय की जंतु विज्ञान की अध्यक्ष डॉ मंजुला जैन, डॉ प्रवीण कुमार, भारती आनंद, अजय मावी, प्रीति अधाना व कल्पना सिंह उपस्थित रहीं।