बिना आप्रेशन किए निकाला एंडोमेट्रियोमा: डा. प्रियंका

बिना आप्रेशन किए निकाला एंडोमेट्रियोमा: डा. प्रियंका
-न्यूटिमा अस्पताल में प्रेसवार्ता कर लेप्रोस्कोपिक सर्जन ने दी जानकारी
मेरठ। छोटी बच्चियों को महावारी में अधिक दर्द होना, ज्यादा दिन तक महावारी चलना, यह बच्चेदानी की रसौली या अंडेदानी की रसौली के लक्षण हो सकते हैं, इनका इलाज दवाइयों द्वारा अथवा दूरबीन से लेजर द्वारा बिना बड़े-बड़े टांके से संभव है। उक्त जानकारी शुक्रवार को गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा अस्पताल में हुई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वरिष्ठ गायनी-आब्स चिकित्सक एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन डा. प्रियंका गर्ग ने दी।
उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे ही मुरादनगर की एक बच्ची न्यूटिमा हॉस्पिटल में रेफर की गई, उसको लगातार एक महीने से महीना चल रहा था। दर्द के लिए दिन में तीन-चार इंजेक्शन ले रही थी। अल्ट्रासाउंड एवं एमआरआई द्वारा यह पता लगा कि उसकी बच्चेदानी दो भागों में है। एक भाग का रास्ता बाहर की तरफ खुला नहीं था। रिपोर्ट के आधार पर ओएचवीआईआरए सिंड्रोम जो कि बच्चेदानी का एक बहुत ही रेयर विकार है, जिसमें एक गुर्दा भी नहीं होता। डॉ. प्रियंका गर्ग ने बताया कि लेप्रोस्कोपी एवं हिस्ट्रोस्कोपी की सहायता से मुंह के ऊपर के पर्दे को काटा। नाले की सफाई की, इसके साथी एंडोमेट्रियोमा भी निकाल दिया। आपरेशन के पश्चात बच्ची दर्द रहित नार्मल जीवन जी रही है। गौरतलब है कि डा. प्रियंका गर्ग दूरबीन विधि से बच्चेदानी के सभी प्रकार के आप्रेशन करने वाली मेरठ की प्रथम महिला डाक्टर है, जिन्होंने जर्मनी से इसके लिए ट्रेनिंग ली है।