TB से जंग की तैयारी:50 गांवो में घर-घर सर्वे करके खोजे जाएंगे टीबी के मरीज

टीबी उन्मूलन में सहयोग के लिए आगे आया ग्रामीण समाज विकास केन्द्र
मेरठ। जनपद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये जा रहे टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सहयोग देने के लिए सामाजिक संस्था ग्रामीण समाज विकास केंद्र ने हाथ बढ़ाया है। संस्था इसके लिए जनपद के रजपुरा ब्लॉक के 50 गांवों में घर-घर सर्वे करेगी और लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करेगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. गुलशन राय ने बताया, टीबी व कुपोषण के खिलाफ और सक्रियता के साथ अभियान चलाए जाने के राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के आह्वान पर कई सामाजिक संस्था आगे आ रही हैं। इसी क्रम में सामाजिक संस्था ग्रामीण समाज विकास केंद्र ने भी कदम आगे बढ़ाया है। जनपद में स्वास्थ्य विभाग लगातार अभियान चलाकर टीबी मरीजों को खोज रहा है। अब ग्रामीण समाज विकास केंद्र ने भी इस अभियान में कदम से कदम मिलाकर साथ चलने का बीड़ा उठाया है। डा. राय ने कहा, संस्था के सहयोग से हम टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को और प्रभावी बना सकेंगे। ग्रामीण समाज विकास केंद्र के सचिव मेहरचंद ने कहा, टीबी के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जरूरी है कि आमजन इस बीमारी के प्रति जागरूक हो और बचाव के साथ ही प्रारंभिक लक्षण नजर आने पर ही उपचार शुरू हो, ताकि टीबी मरीज के संपर्क में आने वाले अन्य लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके। इसी उद्देश्य से ग्रामीण समाज विकास केंद्र ने रजपुरा ब्लॉक के 50 गांवों में लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए संस्था द्वारा गांव-गांव सर्वे कराया जाएगा और टीबी मरीजों को विभाग से जोड़ना, मुफ्त जांच करवाना, अस्पताल से मुफ्त दवा दिलवाना आदि ऐसी गतिविधियां संचालित की जाएंगी, जिससे मरीजों को टीबी को मात देने में सहयोग मिल सके।
नियुक्त किए पांच मोबिलाइजर
संस्था ने पांच मोबिलाइजर नियुक्त किए हैं, जो टीबी के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराने, कोरोना से बचाव को टीकाकरण में भी स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करेंगे।
लाइलाज नहीं है टीबी
जिला क्षय रोग अधिकारी का कहना है टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है लेकिन, समय रहते इसका पूरा उपचार जरूरी है। स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीबी की जांच व उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था है। यही नहीं निक्षय पोषण योजना के तहत उपचाराधीन मरीज को पोषण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह दिये जाते हैं। यह राशि लाभार्थी के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।