एन सी आर

जनसूचना अधिकार अधिनियम को ठेंगा दिखा रहे सरकारी विभाग

-जानकारी देने के बजाय एक दूसरे के पाले में डाल रहे गेंद
मेरठ। जनसूचना अधिकार अधिनियम ने आम लोगों को मजबूत और जागरूक बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है, परन्तु कुछ विभागों और अधिकारी इसको ठेंगा दिखा रहे है। राज्य आयोग द्वारा कई अधिकारियों को जुर्माने से दंडित किये जाने के बावजूद भी इन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इसका उदाहरण जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है।
जिया उर रहमान का पड़ोस में झगड़ा होने के कारण दांतों में चोट आई थी, पुलिस द्वारा जिया उर रहमान को पीएल शर्मा अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. ने डेंटल सर्जन को रेफर कर दिया। जिया उर रहमान मेडिकल अस्पताल में डेंटल
सर्जन से मिला। डॉ. ने बताया कि पीएल शर्मा अस्पताल के डॉ. ने दांतों में आई दो चोटों का अपनी रिपोर्ट में जिक्र नहीं किया है। इस पर जिया उर रहमान ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अपनी दांतों की सभी चोटों का विवरण सप्लीमेंट्री रिपोर्ट में लिखने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। जिसकी सप्लीमेंट्री रिर्पाट जिया उर रहमान को नहीं दी गयी। जिस पर जिया उर रहमान ने अधिवक्ता जीशान सिद्दीकी द्वारा आरटीआई से दिये गये प्रार्थना पत्र पर किया कार्यवाही की गई सूचना मांगी। जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जवाब में बताया कि जो सूचना मांगी गई है, वह सूचना मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक पीएल शर्मा जिला चिकित्सालय से मिलेगी। दोनों अधिकारी सूचना देने से बच रहे है और अपनी गेंद दूसरे के पाले में फेंक रहे हैं और सूचना के अधिकार अधिनियम का उलंघन कर रहे हैं।
वर्जन
मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक पीएल शर्मा जिला चिकित्सालय ने बताया कि मांगी गई सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दी जायेगी।

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