साहित्य

दुनिया की आधी आबादी की खुशहाली के लिए @अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

8 मार्च को हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।इसको मनाने का उद्देश्य महिलाओं का सम्मान‌ और इनके अधिकारों की रक्षा करना है।वर्तमान में वैसे तो बहुत सारे अधिकार महिलाओं को समय-समय पर संविधान द्वारा प्रदान किए गए है। दिनों-दिन महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक स्थितियों में परिवर्तन व बदलाव दिखाएं दे रहा है। आज हर क्षेत्र में महिलाओं का दबदबा देखा जा सकता है।
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की जो थीम रखी गई है वह है *चुनौती को चुनो.. महिलाएं हर चुनौती को चुनेगी,तभी वह आगे बढ़ पाएगी। जैसे इस वर्ष सभी ने मिलकर कोरोना जैसी भयंकर महामारी की चुनौती का सामना कर रहे है। उसी तरह जीवन में कई चुनौतियां आती और जाती रहती है। इसलिए हमें चुनौतियों से नहीं घबराना है‌। उनसे संघर्ष करने का नाम ही जीवन है। महिलाओं में अदम्य साहस व शोर्य होता है। जरूरत है तो उनके मनोबल को बढ़ाने की, उनको प्रोत्साहन देने की।
महिलाओं और पुरुषों में प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए।
यह एक दूसरे के विरोधी नहीं है, बल्कि पूरक है। दोनों को समान अवसर मिलना चाहिए।
इसी धारणा को लेकर सन 1908 में महिलाओं ने रूस में अपने मताधिकार के लिए एक बड़ा आंदोलन किया था। उस आंदोलन के बाद से ही वर्ष 1909 से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा।

पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 1909 को मनाया गया था। महिलाओं को बराबरी का दर्जा मिले। इसके लिए समय-समय पर संविधान द्वारा उन्हें कई अधिकार प्रदान किए गए है। जिनमें समान काम, समान वेतन। मातृत्व अवकाश। यौन उत्पीड़न के विरुद्ध शिकायत।इन सभी अधिकारो से व समय-समय पर महिला संरक्षण आयोग की रिपोर्टों के आधार पर रोजगार में आरक्षण का प्रावधान भी महिलाओं के लिए कारगर रहा है।दुनिया की आधी आबादी खुश रहेगी तो पूरी दुनिया में खुशहाली रहेगी। इसी सोच को लेकर चलने का संदेश भी हमें यह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रदान करता है।

लेखक के अपने विचार है। portal का सहमत होना आवश्यक नही है।

✍️✍️Tr हंसराज हंस

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