लाइफस्टाइल

पक्षियों-बेघर जीवों के लिए बाहर दाना-पानी अवश्य रखें..

इस बार सर्दियों में बार-बार बारिश हुई, तो पहाड़ों पर जमकर बर्फबारी होती रही। बरसात के महीने में जिस तरह की बारिश की उम्मीद की जाती है, वैसी बारिश सर्दियों में बार-बार हुई। मौसम में अजीबो गरीब तरह के बदलाव हो रहे हैं। पर्यावरण और आबोहवा में बदलाव की जो बातें पहले किताबों या सेमिनार हॉल में पढ़ने-सुनने को मिला करती थीं, वे अब हमारी आपकी जिंदगी की हकीकत बनती जा रही हैं। मसलन, बेमौसम बरसात, बेहिसाब स्नोफॉल, और अब मार्च-अप्रैल में ही तेज गरमी। आलम यह है कि केदारनाथ धाम से बर्फ गायब हो चुकी है। मंदिर परिसर से इस बार बर्फ हटाने की कार्रवाई करने की नौबत ही नहीं आई, क्योंकि सारी की सारी बर्फ खुद-ब-खुद पहले ही पिघल चुकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का भी ऐसा ही नजारा है। यह है ग्लोबल वॉर्मिंग का प्रभाव। गनीमत है कि दुनिया अब बिजली से चलने वाली गाड़ियों में दिलचस्पी दिखा रही है और पेट्रोलियम ईंधन से लोगों का मोह भंग होने लगा है। ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को अपना कर ही कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है। वैसे तो कई तरह के उपाय करने होंगे, जिनमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना, जंगल लगाना, शाकाहारी भोजन को बढ़ावा देना और कोयला व पेट्रोलियम पदार्थों की जगह सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जैसे ऊर्जा स्रोतों को चुनना शामिल है।

तापमान बढ़ने से पक्षियों और बेघर जानवरों को पीने के पानी और भोजन की समस्या होने लगी है। नवरात्रि के पहले दिन ही प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके सभी देशवासियों से अनुरोध किया कि मां दुर्गा की आराधना तभी पूरी मानी जाएगी जब आप कम से कम नौ जरूरतमंद परिवारों और सड़क पर रहने वाले आसपास के बेघर जानवरों को भोजन-पानी देंगे। हर घर में प्रतिदिन इतनी रोटी, चावल और अन्य खाद्य पदार्थ बच ही जाते हैं, जिन्हें फेंकने की जरूरत पड़ती है। खाने लायक चीजों को कूड़े में फेंकने की बजाय आसपास किसी भूखे बेघर कुत्ते या गाय को दे देंगे तो आपको संतुष्टि मिलेगी। सभी जीव जंतु ईश्वर के बनाए हुए हैं, इसलिए सभी बेजुबान जीवों के प्रति दया का भाव रखिए। पक्का मानिए, इससे आपके कर्मा बैंक में सत्कर्मों की वृद्धि होगी और आपको खुशी मिलेगी। हमेशा की तरह, कॉमेडियन कपिल शर्मा ने भी अपने शो के अंत में सभी से अपील की कि घर के बाहर चिड़ियों और बेघर डॉग्स के लिए एक बर्तन में पीने का पानी और कुछ खाने के लिए रखें।

गर्मी में पक्षियों को पानी नहीं मिलता है तो उनकी मृत्यु होने लगती है और डॉग्स तो जीते ही मनुष्य के भरोसे हैं। जो शख्स पशुओं के साथ क्रूरता करता है, वह मनुष्यों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। ऐसे क्रूर लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा कहते हैं कि “खेल के लिए, आनंद के लिए, रोमांच के लिए और खाल अथवा फर के लिए जानवरों को मारना एक घृणित और परेशान करने वाला काम है। क्रूरता के ऐसे कृत्यों में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है।” हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेर का कहना है कि “पृथ्वी के संरक्षक के रूप में, सभी प्रजातियों के साथ दया, प्रेम और करुणा के साथ व्यवहार करना हमारी ज़िम्मेदारी है। इन जानवरों के प्रति क्रूरता समझ से परे है। इस पागलपन को रोकने में मदद करिये।”

नरविजय यादव
वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं।

टि्वटर @NarvijayYadav

TRUE STORY

TRUE STORY is a Newspaper, Website and web news channal brings the Latest News & Breaking News Headlines from India & around the World. Read Latest News Today on Sports, Business, Health & Fitness, Bollywood & Entertainment, Blogs & Opinions from leading columnists...

Related Articles

Back to top button