हरियाली को नही सार्थक प्रयास.., नक्षत्र वाटिका है वानिकी का शानदार उदाहरण
(काज़ी अमजद अली)
विश्व वानिकी दिवस पर विशेष :—–
मुज़फ्फरनगर।मानव उत्पत्ति के साथ ही वृक्षों पर आश्रित रहा है वृक्षों के अनेक प्रकार के प्रयोग से लेकर ऑक्सीजन सर्जन व वर्षा में सहायक वृक्ष हमारे जीवन के लिए बेहद उपयोगी है वृक्षों की संख्या बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण लगातार जारी है किन्तु उनकी सुरक्षा न होने तथा खानापूर्ति मात्र होने से हरियाली बढ़ाने के प्रयास अधूरे हैं विश्व वानिकी दिवस पर अगर हरियाली को बढ़ाने की कोशिशों का अगर आंकलन किया जाये तो शुकतीर्थ में स्थित नक्षत्र वाटिका इसका सबसे अच्छा उदाहरण है नक्षत्र वाटिका जैसे पार्क की स्थापना व वृक्षारोपण के साथ उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा।
महाभारत कालीन तीर्थ स्थली शुकतीर्थ में स्थित नक्षत्र वाटिका का धार्मिक महत्व तो है ही वानिकी का शानदार उदाहरण भी है शुकतीर्थ में स्थित हनुमत धाम आश्रम द्वारा स्थापित नक्षत्र वाटिका को धार्मिक आस्था व स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखकर स्थापित किया गया है वाटिका की मनमोहक सुंदरता भौतिक सुख प्रदान करती है तथा वऔषधीय वृक्ष व पूजा सामग्री में उपयोग होने वाली आने वाले वृक्षों का होना आत्मीय सुख देता है नक्षत्र वाटिका भारतीय संस्कृति का दर्शन कराती है व वानिकी का शानदार उदाहरण भी प्रस्तुत करती है नक्षत्र वाटिका में रुद्राक्ष ,वट,पीपल, शमी ,बेल ,अशोक, अनार , नीम, केला, रीठा ,अर्जुन ,कंटारी,मौलश्री , चीड़, साल, जल बतरू, महुआ आंवला ,कुचिला, गुलर,जामुन ,कटहल शीशम, नागकेसर, पलाश,पाकड , केत,धतूरा ,जामुन आदि वृक्षों के अलावा अन्य उपयोगी पेड़ भी लगे हुए हैं पर्यावरण सुरक्षा वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए इस प्रकार की वाटिका आने की स्थानों पर स्थापित करवाने की को बढ़ावा दिया जा सकता है।