साहित्य
“पिता” ..एक किरदार ऐसा भी है दुनिया में ..
“पिता”
एक किरदार ऐसा भी है दुनिया में
जो अपनी ख्वाहिशों पर लगाम रखता है,
थामता है सारी कायनात का बोझ
अपने चेहरे पे मुस्कान रखता है,
शिकायतें आंधियों से नहीं करता वो कभी
ना धूप में थकान रखता है,
नाश्ता, लंच, डिनर का कोई हिसाब नहीं है उसे
अपने बटुए में वो
सबकी उम्मीदों की दुकान रखता है,
लोग पत्थर दिल समझते हैं अकसर उसको
अपने भीतर दबे वो
बड़े नाजुक अरमान रखता है,
वो पहला शख्स है दुनिया में जो
अपने रिकॉर्ड तोड़ने पर
बच्चों के आगे दुनिया जहान रखता है,
कुदरत ने नवाजा है उसे
जन्नत के दरवाज़े का मुकाम
फिर भी “पिता”
मां के कदमों जन्नत का जहान रखता है,
एक किरदार ऐसा भी है दुनिया में..।
Happy Father’s day
❣️❣️
Dr.Naaz parween
#Fathersday