विदेश में मेडिकल की पढ़ाई का सपना बना ठगी का जाल, 17 छात्र हुए शिकार, आरोपी महिला गिरफ्तार

✍️ विशेष रिपोर्ट | शिक्षा के नाम पर छलावा |
उज्बेकिस्तान MBBS घोटाले का पर्दाफाश
UP के मुज़फ्फरनगर में एक बड़ा शिक्षा घोटाला सामने आया है। जहाँ एडुटेक एडवाइजर नामक संस्था की संचालिका किरण तोमर ने उज्बेकिस्तान में MBBS की पढ़ाई के नाम पर 17 छात्रों से लाखों रुपये की ठगी की। छात्रों को यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाने का वादा कर निजी छात्रावास में छोड़ दिया गया। फीस जमा न होने के कारण छात्रों को जुर्माना भरना पड़ा और उनके पासपोर्ट पर प्रतिकूल प्रविष्टियाँ दर्ज हो गईं।
🧾 शिकायत की पृष्ठभूमि..
महमूद नगर निवासी शाह फैसल, खुश्तर शमीम और सुबहान समेत कई छात्रों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार को शिकायती पत्र सौंपा। उन्होंने बताया कि उज्बेकिस्तान में MBBS कोर्स के लिए किरण तोमर से 20 लाख रुपये का पैकेज तय हुआ था, जिसमें फीस, वीजा, टिकट और अन्य सेवाएं शामिल थीं। लेकिन यूनिवर्सिटी में फीस जमा नहीं की गई, जिससे छात्रों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
⚖️ कानूनी कार्रवाई और पुलिस की तत्परता
एसएसपी संजय कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल FIR दर्ज करवाई। सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी किरण तोमर को गांधी कॉलोनी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गुडवर्क टीम में SI सुनील कुमार और ममता चौधरी की भूमिका सराहनीय रही।
😠 छात्रों की पीड़ा और धमकी का आरोप..
पीड़ित छात्रों ने बताया कि जब वे शिकायत लेकर एडुटेक एडवाइजर के दफ्तर पहुँचे, तो उन्हें धमकाया गया। कहा गया कि आरोपी के परिवार के लोग राजनीति और पुलिस विभाग में तैनात हैं। जांच शुरू होते ही आरोपी फरार हो गए और दफ्तर बंद कर दिया गया।
📚 सामाजिक और शैक्षिक सवाल
– क्या विदेश में पढ़ाई के नाम पर चल रहे एजुकेशनल कंसल्टेंसीज़ की कोई निगरानी व्यवस्था है?
– छात्रों के मूल प्रमाण-पत्र जब्त कर लेना क्या मानवाधिकार उल्लंघन नहीं?
– क्या ऐसे मामलों में पासपोर्ट पर प्रतिकूल प्रविष्टि को हटाने की कोई प्रक्रिया है?
📣 जन-जागरूकता की ज़रूरत
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि शिक्षा के नाम पर चल रहे निजी संस्थानों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है। छात्रों और अभिभावकों को चाहिए कि वे किसी भी एजेंसी से अनुबंध करने से पहले उसकी वैधता, पूर्व रिकॉर्ड और सरकारी मान्यता की पूरी जांच करें।