लियाकत मंसूरी बने दैनिक भास्कर मेरठ के ब्यूरो चीफ, मिल रही बधाइयां

–ग्रामीण क्षेत्र से कॅरियर की शुरूआत, कई अखबारों में रहे महत्वपूर्ण पदों पर
-कई एक्सक्लुसिव स्टोरी नेशनल लेबल पर छाई, मेरठ का नाम हुआ ऊंचा
अहमद हुसैन
ब्यूरो चीफ ट्रू स्टोरी मेरठ
पिछले दो दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में नाम कमा रहे लियाकत मंसूरी को मेरठ में दैनिक भास्कर का ब्यूरो चीफ बनाया गया है। हाल ही में वे मेरठ से प्रकाशित दैनिक प्रभात में काम कर रहे थे। लियाकत मंसूरी ने 2004 में ग्रामीण क्षेत्र से पत्रकारिता की शुरूआत की थी। शुरूआत में वे दैनिक जागरण से जुड़े। इसके बाद पंजाब केसरी में भी कुछ समय तक पत्रकारिता की। लियाकत मंसूरी ने मेरठ शहर में शाह टाइम्स से पत्रकारिता में अपना कैरियर शुरू किया। शाह टाइम्स में दो साल तक कार्य करने के बाद दैनिक प्रभात में पत्रकारिता के शिखर पर पहुंचकर अपनी पहचान बनाई। इसके बाद फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। नेशनल दुनिया, न्यूज़ फर्स्ट टुडे, दैनिक लोकसत्य सहित कई प्रमुख अखबारों में उन्होंने काम किया। कई एक्सक्लुसिव स्टोरी नेशनल लेबल पर छाई जिससे मेरठ का नाम ऊंचा हुआ।
विशेष बातचीत में लियाकत मंसूरी ने बताया कि लिखने और पढ़ने का शौक बचपन से है। 2004 में दैनिक जागरण के साथ जुड़ने का मौका मिला। उस समय जनपद मेरठ के फलावदा क्षेत्र में तनवीर अंसारी दैनिक जागरण के संवाददाता के रूप में काम करते थे। तनवीर अंसारी की सरपरस्ती में पत्रकारिता में काफी कुछ सीखने का मौका मिला। फिर पंजाब केसरी और शाह टाइम्स से जुड़ा। वर्ष 2008 में शाह टाइम्स के मेरठ ब्यूरो चीफ गुलफाम अहमद थे। उन्होंने बताया कि खबरों का स्तर देख गुलफाम अहमद ने ही मेरी प्रतिभा का पहचाना और मेरठ बुला लिया। क्राइम की रिपोर्टिंग में अपनी पहचान बनाई। कई अखबारों से ऑफर भी आए, लेकिन चुनाव दैनिक प्रभात का किया। 2010 में जब दैनिक प्रभात में कॅरियर शुरू किया, उस वक्त तक लियाकत मंसूरी शाह टाइम्स में डेस्क प्रभारी और ब्यूरो चीफ तक का सफर कर चुके थे।
धमकियां मिली, नहीं किया समझौता
दैनिक प्रभात में संजय वर्मा क्राइम इंचार्ज हुआ करते थे। सिटी इंचार्ज केपी त्रिपाठी चाहते थे कि लियाकत मंसूरी अब क्राइम पर न लिखे। केपी त्रिपाठी ने लियाकत मंसूरी को कैंटबोर्ड, नगर निगम जैसी महत्तवपूर्ण बीट दी। 2010 के दौरान प्रभात की शहर में तूती बोलती थी और यह अखबार सभी विभागों में पढ़ा जाता था। लियाकत मंसूरी इन विभागों में ऐसी रिपोर्टिंग की कि उनकी अलग पहचान बन गई। कभी खबरों के साथ समझौता नहीं किया। कई बड़े खुलासे किए, यहां तक की धमकियां भी मिली। जब नेशनल दुनिया मेरठ में प्रकाशित हुआ तो लियाकत मंसूरी को ऑफर देकर बुलाया गया। हालांकि, बाद में जब नेशनल दुनिया के हालात बिगड़े और सभी रिपोर्टर टूटकर दूसरे अखबारों में चले गए, मगर लियाकत मंसूरी ने नेशनल दुनिया का दामन नहीं छोड़ा। इसका ईनाम उनको स्थानीय संपादक बनाकर दिया गया।
देहरादून में भी रहे सिटी इंचार्ज
हालांकि नेशनल दुनिया ज्यादा समय तक नहीं चल पाया। लियाकत मंसूरी को जब आभास हुआ तो उन्होंने उसे छोड़ दिया और फिर न्यूज फर्स्ट टूड़े में चले गए। न्यूज फर्स्ट टूड़े ने लियाकत मंसूरी को देहरादून में सिटी इंचार्ज बनाकर भेजा। मगर लियाकत मंसूरी ज्यादा दिन यहां टिक नहीं पाए और फिर लोकसत्य में चले गए। लोकसत्य में तीन साल तक सिटी इंचार्ज का पद संभालने के बाद फिर से प्रभात का रूख कर लिया। कई साल लियाकत मंसूरी प्रभात में ही अपनी सेवा दे रहे थे।