उस बेवफा का पता पूछते हो तुम अब मुझको क्या खबर कहा है कहा नही??

मुजफ्फरनगर की मशहूर शख्सियत तहसीन कमर असारवी के सम्मान में दिल्ली के गरिमा गार्डन में मुशायरे का आयोजन किया गया। चौधरी इरशाद प्रॉपर्टी डीलर के कार्यालय में मुशायरे की अध्यक्षता चौधरी इरशाद ने की और निजामत इमरान धामपुरी ने किया। मुशायरे की शमा रोशन तहसीन कमर असारवी और चौधरी इरशाद ने संयुक्त रूप से की। मुशायरे के कन्वीनर डॉ. तहसीन समर चरथावली रहे।
मुशायरे में समर बगरासी ने पढ़ा- उस बेवफा का पता पूछते हो तुम अब मुझ को क्या खबर कहा है कहा नही।
तहसीन कमर असारवी ने कहा– बजाहिर तो अपने घर मे रहे। उम्र गुज़री है कैद खाने मे।
इमरान धामपुरी ने कहा- बुलन्दी से जिद की उतरने का ना है। मेरे साथ रिश्ता वो करने का ना है। तुझे इमरान रानी मिलना है मुश्किल है। मेरा बाप जब तक मरने का ना है।
डॉ. तहसीन समर ने पढ़ा- है,हुस्न भी मुकम्मल आवाज में भी जादू हैं। सब कुछ पास है तेरे लेकिन बे वफा है। हाशिम रजा जलालपुरी ने अपने अल्फाज़ो को कुछ यूं पढ़ा-
जहर ही सांसों मे जहर लाता है। मौसमे गुल तेरे आने की खबर लाता है।
अफजल देहलवी ने कहा-
मै बनाया गया इम्तिहान के लिए
मुश्किलें है बहुत मेरी जान के लिये।।
इस मौके पर इरशाद चौधरी ने मुजफ्फरनगर से आये मुख्य अतिथि तहसीन कमर असरवी के साथ सभी शायरों को शॉल पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर नूर अली, शाहिद चौधरी,राहुल मलिक,अनवर सलमानी, अब्द, वसीम, डॉ. मुशीर चौधरी आदि उपस्थित थे।