धर्म

जहाँ मृदु भाव या नम्रता नहीं है, वहाँ धर्म भी नहीं

दिगंबर जैन मंदिर में धूमधाम से मनाया गया 10 लक्षण पर्व
मेरठ में आनंदपुरी स्थित दिगंबर जैन मंदिर में शनिवार को 10 लक्षण पर्व धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम भगवान को पांडुकशिला पर विराजमान करके अभिषेक किया गया।
इसके उपरांत भगवान पर शांति धारा की गई। शांति धारा का सौभाग्य प्रदीप जैन एवं अचल जैन को प्राप्त हुआ। अभिषेक शांतिधारा में अरुण जैन, राजीव जैन, सत्येंद्र जैन का सहयोग रहा। इसके बाद 10 लक्षण पर्व के विशेष अवसर पर प्रथम दिन उत्तम मार्दव धर्म की पूजा करके 11 अर्घ चढ़ाए गए। भक्तांबर स्तोत्र का विधान किया गया, जिसमें 48 अर्घ मांडले पर चढ़ाए गए। शाम को सामूहिक आरती की गई। आज उत्तम मार्दव का दिन है। मार्दव धर्म आत्मा अर्थात् निजात्मा स्व.स्वरूप का धर्म है। जहाँ मृदु भाव या नम्रता नहीं है, वहाँ धर्म भी नहीं है। वहाँ नियम, व्रत, तप, दान, पूजा इत्यादि जो मानव करता है, विनय भाव के बिना सभी व्यर्थ गिनाया जाता है। कहता है कि मैंने ऐसा किया जो भी किया मैंने किया अन्य किसी ने मेरे समान नहीं किया। इस तरह कहकर जो मान कषाय करता है। वह अपनी आत्मा को ठगता है और दुनियाँ को भी ठगाया समझना चाहिए। सभी भक्तों ने बड़े उत्साह के साथ इस पर्व में भाग लिया। सुनील जैन प्रवक्ता ने बताया कि कल कल्याण मंदिर स्तोत्र का विधान किया जाएगा।

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