मध्यलोक से होती है मोक्ष की प्राप्ति: आर्यिका ज्ञानमती माता

मेरठ। जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी भारत गौरव गणिनी प्रमुख आर्यिका ज्ञानमती माताजी का मंगल आगमन शास्त्री नगर के डी ब्लॉक स्थित दिगंबर जैन मंदिर में हुआ।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए माताजी ने सभी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया। माता जी ने कहा कि जैन धर्म में तीन लोक का सर्वाधिक महत्व बताया गया है। तीन लोक में नीचे नरक लोक है, ऊपर स्वर्ग लोक है और मध्य में मनुष्य लोग है, जहां हम सब लोग निवास करते हैं। मध्यलोक की यह महिमा है कि इसी स्थान से मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है। स्वर्ग में देवों का निवास होता है लेकिन देवगण अपने जीवन में संयम धारण नहीं कर सकते, इसलिए उन्हें मोक्ष नहीं मिल पाता है। नारकीय जीवों का जीवन हमेशा एक दूसरे की मारकाट में व्यतीत होता है और वहां उन्हें दुख ही दुख मिलता है। केवल मनुष्य लोक ऐसा है, जहां से संयम धारण करके, दीक्षा लेकर, तपस्या करके, व्रत आदि उपवास करके, अपने जीवन में त्याग को अपनाकर मोक्ष के मार्ग पर चला जा सकता है।