
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों के अपने संगठन टीचर्स सेल्फ केयर टीम यानी TSCT ने सूबे में बड़े आयाम कायम किये है। गठन के चंद साल में ही संगठन से जुड़े शिक्षकों ने दिवंगत 86 साथियों के परिवारों को लाखों की मदद की। हर परिवार को 20 से 22 लाख तक मिले। यह संभव हो पाया एक शख्सियत यानी संगठन के संस्थापक विवेकानंद की प्रेरणा व टीम वर्क से। मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात विवेक गोयल की आकस्मिक मौत के बाद साथियों ने परिवार की झोली भर दी।
दरअसल कर्मचारी की मौत के बाद सरकार की तरफ से एकमुश्त मदद का कोई प्रावधान नही है। मौत के बाद परिवार आर्थिक तंगी झेलता है। ऐसे में कोरोना काल से पूर्व प्रयागराज में तैनात शिक्षक विवेकानंद ने अपने चंद साथियों के साथ मिलकर संगठन की नींव रखी। खुद विवेकानंद को भी नहीं पता था कि जो नन्हा पौधा वे लगा रहे है। एक दिन यह वट व्रक्ष का रूप धारण करेगा। यही हुआ, कोरोना काल मे शिक्षकों की जान गई। मगर साथियों ने मुह नहीं मोड़ा। हर माह 5 साथियों के परिवार का सहयोग किया। हर शिक्षक के वारिस के खाते में 100 की राशि गई। अब हालात यह है कि पेंडेंसी खत्म हो चुकी है। इस माह केवल 3 साथियों का ही सहयोग हुआ। ख़ुशी ख़ुशी शिक्षक सहयोग करते है।
परिवार के चेहरे पर दिखी खुशी:-
मुजफ्फरनगर में कन्या उच्च प्राथमिक विधालय मजलिसपुर तौफ़ीर में तैनात रामपुरम निवासी मनोज गोयल का कुछ दिन पहले निधन हो गया था। 15 से 25 सितंबर तक चले सहयोग अभियान से उनकी पत्नी सोनिया के खाते में 22 लाख की धनराशि साथियों ने भेजी। पूरे प्रदेश के शिक्षक साथियों ने अपने दिवंगत साथी के परिवार को मायूस नही किया। इनके साथ फतेहपुर के प्रदीप शुक्ला व जालौन के शिक्षक मनोज कुमार के परिवार को भी 22 – 22 लाख की सहायता हुई।
हर परिवार को 1 करोड़ की मदद का लक्ष्य: विवकानंद
TSCT संस्थापक विवकानंद बताते है कि टीम वर्क से ही यह संभव हो पाया। उनका लक्ष्य प्रदेश के हर शिक्षक को संगठन से जोड़ना है। ताकि हर मायूस चेहरे पर मुस्कान लाई जा सके। बेसिक के साथ हर माध्यमिक व अन्य कॉलिज के शिक्षक भी संगठन से जुड़कर लाभ ले सकते है।
10 दिन में 150 सदस्य बनाये फर्रुख हसन ने
मुजफ्फरनगर में तैनात शिक्षक फर्रुख हसन कोर टीम के सदस्य है। वे प्रदेश प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी संभालते है। जनपद के साथी के परिवार की मदद को उन्होंने 100 की मदद से अलग भी खुद हाथ बढ़ाया तो दर्जनों साथियों ने बड़ी धनराशि भी ट्रांसफर की। 10 दिन में मुजफ्फरनगर के 150 नए मेम्बर बनाये गए। जो कि एक रिकॉर्ड ही बन गया।