पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर लकवाग्रस्त पति की हत्या की, पोस्टमार्टम से खुला राज

नागपुर (महाराष्ट्र)। नागपुर जिले के तरुड़ी खुर्द गांव में एक चौंकाने वाली वारदात सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति की गला दबाकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान 38 वर्षीय चंद्रसेन के रूप में हुई है, जो पिछले एक साल से लकवाग्रस्त (पैरा लाइसिस) थे और बैड रेस्ट पर थे।
आरोपी महिला दिशा (30 वर्ष) ने कबूल किया है कि वह इस दौरान 27 वर्षीय युवक आसिफ के संपर्क में आ गई थी, और दोनों के बीच संबंध बन गए। चंद्रसेन को अपने संबंधों में बाधा मानते हुए दोनों ने मिलकर उन्हें सोते वक्त गला दबाकर मार डाला।
सामान्य मौत का रचा गया था नाटक..
हत्या के बाद दिशा ने परिवार को बताया कि चंद्रसेन की मौत हार्ट अटैक से हुई है। हालांकि, परिवार को दिशा की गतिविधियों पर शक हुआ और उन्होंने पोस्टमार्टम की मांग की। रिपोर्ट में सामने आया कि चंद्रसेन की मौत दिल का दौरा नहीं बल्कि गला घोंटकर हत्या के कारण हुई थी। पुलिस ने जब दिशा से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूलते हुए प्रेमी आसिफ का नाम भी उजागर किया। फिलहाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस द्वारा पूछताछ जारी है।
जब रिश्ते में प्रवेश करता है धोखा और वासना
तरुड़ी खुर्द की दिशा की कहानी सिर्फ एक हत्या की नहीं, बल्कि उस रिश्ते की भी है जिसे समाज पवित्र मानता है — पति-पत्नी का रिश्ता। जब जीवन साथी बीमार पड़ा, तब साथ निभाने की बजाय दिशा ने वासना और आकर्षण को अपनाया।
पति चंद्रसेन लकवाग्रस्त थे। वह चल-फिर नहीं सकते थे, जीवन के लिए पूर्णतः दिशा पर निर्भर थे। ऐसे में दिशा का आसिफ से नज़दीकियाँ बढ़ाना, फिर पति की हत्या करना — यह सवाल उठाता है कि क्या आज भी संवेदनाएं ज़िंदा हैं?
👉 दोष किसका है — हालात का या इरादों का?
कुछ लोग कह सकते हैं कि लंबे समय से पति की बीमारी से दिशा का मानसिक संतुलन बिगड़ा होगा। लेकिन क्या यह वजह इतनी बड़ी है कि एक व्यक्ति हत्या कर दे?
👉 आसिफ की भूमिका भी कम खतरनाक नहीं
आसिफ, जो दिशा से उम्र में छोटा था, क्या सिर्फ प्यार में था या उसकी मंशा कुछ और थी? दोनों ने मिलकर एक असहाय व्यक्ति को सोते में मार डाला — यह दर्शाता है कि यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था, बल्कि सोची-समझी साजिश थी।
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❗ यह सिर्फ एक अपराध नहीं, एक सामाजिक चेतावनी है।
जब रिश्ते में संवाद नहीं होता, तो बाहरी लोग जगह बना लेते हैं।
जब भावनात्मक समर्थन की कमी हो, तो अपराधी रास्ते आसान लगते हैं।
और जब भरोसा टूटता है — तो सबसे ज्यादा नुकसान इंसानियत का होता है।
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📌 यह कहानी एक सबक है — कि शादी सिर्फ साथ रहने का नाम नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी निभाने का नाम है — बीमारियों में भी, तकलीफ में भी।