विदेश

निमिषा प्रिया की फांसी मे चंद दिन शेष… क्या मोदी सरकार बचा पायेगी भारतीय बेटी की जान

केरल का एक परिवार अभी गहरी निराशा में डुबा हुआ है। एक ऑटोरिक्शा चालक अपनी पत्नी की जान की भीख मांग रहा है,एक 12 साल की बेटी अपनी मां को लौटा देने की फरियाद कर रही है। दरअसल यमन में हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जानी है जिसे रोकने के लिए भारत पुरजोर प्रयास कर रहा है।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद जॉन ब्रिटास ने भी विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर उनसे यमन में शीर्ष स्तर के अधिकारियों के साथ संपर्क कर निमिषा प्रिया की फांसी को तुरंत रोकने का आग्रह किया है।

🔴 “एक भारतीय नर्स जो फांसी के फंदे के करीब है — और देश उसके जीवन की अंतिम उम्मीद है।”

भारतीय नागरिक और केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई 2025 को फांसी दी जानी है। उन पर एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप है। यह खबर समाजसेवी सैमुअल जेरोम बास्करन ने पुष्टि की है, जो यमन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं और निमिषा के परिवार से भी संपर्क में हैं।

🧕🏻 कौन हैं निमिषा प्रिया?

निमिषा प्रिया एक कुशल नर्स हैं, जो बेहतर भविष्य की तलाश में 2008 में यमन गई थीं। वहां उन्होंने एक मेडिकल क्लिनिक शुरू करने का सपना देखा और इसके लिए उन्हें एक स्थानीय नागरिक, तलाल अब्दो महदी की साझेदारी लेनी पड़ी — जो आगे चलकर उनके लिए मुसीबत बन गया।

💔 बिजनेस से धोखा, रिश्तों में पीड़ा

यमन के नियमों के मुताबिक कोई विदेशी नागरिक किसी स्थानीय व्यक्ति के नाम से ही व्यवसाय चला सकता है। निमिषा ने यह क्लिनिक तलाल के नाम से खोला।

लेकिन कुछ ही समय में तलाल ने क्लिनिक पर कब्जा कर लिया और निमिषा के पासपोर्ट और दस्तावेज भी जब्त कर लिए, जिससे वह देश नहीं छोड़ सकीं।

निमिषा के परिवार और दोस्तों के अनुसार, तलाल ने शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न भी किया।

🔪 कैसे हुआ हत्या का केस?

वर्ष 2017 में, निमिषा ने तलाल से अपने दस्तावेज वापस लेने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने तलाल को नींद की दवा दी, ताकि वह उसे शांत करके पासपोर्ट हासिल कर सकें।
लेकिन स्थिति बिगड़ गई, और तलाल की मौत हो गई।आरोप है कि निमिषा और एक महिला साथी ने शव को छिपाने की कोशिश की — जिससे मामला और गंभीर हो गया।

⚖️ अदालत का फैसला और फांसी की तारीख

2020 में यमन की अदालत ने निमिषा को हत्या का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई।

यमन के शरिया कानून के तहत मृतक के परिवार को “ब्लड मनी” (मुआवजा) देने पर फांसी रोकी जा सकती है।

लेकिन अभी तक तलाल के परिवार ने माफी या ब्लड मनी स्वीकार नहीं की है।

🕊️ अभी भी बच सकती है जान?

समाजसेवी सैमुअल जेरोम बास्करन लगातार प्रयासरत हैं कि तलाल के परिवार को मुआवजा देकर समझौते के लिए मनाया जाए।
उन्होंने यमन की सरकार, जेल प्रशासन और भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया है।

भारत सरकार से अपील की जा रही है कि वह राजनयिक स्तर पर हस्तक्षेप करे।

📣 जन समर्थन और सोशल मीडिया अभियान

निमिषा की मां और परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्रालय और देशवासियों से अपील की है कि वे उनकी बेटी की जान बचाने में मदद करें।

सोशल मीडिया पर #SaveNimishaPriya नाम से अभियान चल रहा है, जिसे हजारों लोगों का समर्थन मिल रहा है।

📌 निष्कर्ष

निमिषा प्रिया का मामला सिर्फ कानून का नहीं, न्याय, मानवीयता और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का सवाल बन गया है।
क्या भारत अपनी बेटी को बचा पाएगा?
क्या यमन सरकार और मृतक परिवार माफ़ करेंगे?
इसका जवाब आने वाले कुछ दिन तय करेगे।

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