धर्म
आत्म शुद्धि के लिये इच्छाओं का रोकना तप

आत्म शुद्धि के लिये इच्छाओं का रोकना तप
मेरठ। आनंदपुरी स्थित दिगंबर जैन मंदिर में आज 10 लक्षण पर्व धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम भगवान को पांडुकशिला पर विराजमान करके अभिषेक किया गया। इसके उपरांत भगवान पर शांति धारा की गई। शांति धारा का सौभाग्य अशोक जैन एवं रजत जैन को प्राप्त हुआ l
10 लक्षण पर्व के विशेष अवसर पर सातवें दिन कर्म दहन विधान किया गया। मांडले पर 24 अर्घ चढ़ाए गए तथा उत्तम तप धर्म की पूजा करके 25 अर्घ चढ़ाए गए तथा धूप दशमी के उपलक्ष में शीतलनाथ भगवान की पूजा की गई। अग्नि में धूप दहन की गई ।अभिषेक शांतिधारा में अरुण जैन, सुनील जैन प्रवक्ता, राजीव जैन, सत्येंद्र जैन एवं विनय जैन का सहयोग रहा। शाम को सामूहिक आरती की गई। मुनि प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि श्री मंदिर जी में कल दान पर्व मनाया जाएगा
बताया कि आत्म शुद्धि के लिये इच्छाओं का रोकना तप है। मानसिक इच्छायें साँसारिक बाहरी पदार्थों में चक्कर लगाया करती हैं अथवा शरीर के सुख साधनों में केन्द्रिय रहती हैं। अतः शरीर को प्रमादी न बनने देने के लिये बहिरंग तप किये जाते हैं और मन की वृत्ति आत्म-मुख करने के लिये अन्तरंग तपों का विधान किया गया है। दोनों प्रकार के तप आत्म शुद्धि के अमोध साधन हैं।