अदालत में ASI का हलफनामा: कुतुबमीनार परिसर पूजा का स्थान नही, याचिका खारिज

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) ने कुतुबमीनार में पूजा के अधिकार वाली याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह पूजा का स्थान नहीं है। यहां की वर्तमान स्थिति को बदला नहीं जा सकता है….
नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने मंगलवार को कुतुबमीनार में पूजा के अधिकार वाली याचिका का विरोध किया है। एएसआइ ने अपने हलफनामे में कहा कि कुतुबमीनार पूजा का स्थान नहीं है। यहां की वर्तमान स्थिति को बदला नहीं जा सकता है। इससे पूर्व यहाँ नमाज पर भी पाबंदी दोहराई गई है।
कुतुबमीनार क्या हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाई गई इस पर साकेत कोर्ट में सुनवाई हुई। दायर याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार में हिंदू देवी देवताओं की कई मूर्तियां मौजूद हैं। बता दें कि पूजा के अधिकार के मामले में याचिकाएं वकील हरि शंकर जैन और वकील रंजना अग्निहोत्री ने दायर की है।
قطب مینار میں پوجا کی اجازت نہیں دی جاسکتی، ہندو فریق کی عرضی پر اے ایس آئی کا عدالت میں جوابhttps://t.co/ibpfXXQIm7#QutubMinar #ArchaeologicalSurveyofIndia #SaketCourt #Worship
— News18 اردو (@News18Urdu) May 24, 2022
कोर्ट में दायर याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी एएसआइ का हवाला देते हुए कहा गया है कि कुतुब मीनार परिसर में खुद ऐसे शिलालेख मौजूद है जो यह साबित करते हैं कि वहां पर 27 हिंदू और जैन मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया था और सामग्री का फिर से उपयोग करके परिसर के अंदर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद खड़ी की गई थी। याचिका में मांग की गई है कि भगवान विष्णु, भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान सूर्य, देवी गौरी, भगवान हनुमान, और जैन देवता तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव को मस्जिद स्थल पर मंदिर परिसर के भीतर पुनर्स्थापित होने का अधिकार दिया जाए।
ASI opposes before Delhi Court suit seeking restoration of as many as 27 Hindu and Jain temples inside the #QutubMinar complex, says Fundamental right cannot be availed in violation of any status of the land.
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— Live Law (@LiveLawIndia) May 24, 2022
कुतुब परिसर में पूजा करने की मांग वाली याचिका खारिज
अस्तित्व को लेकर उपजे विवाद के चलते अब कुतुबमीनार का अध्ययन होगा, जिसमें पता लगाया जाएगा कि कुतुबमीनार चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के समय से है या इसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था। इस अध्ययन की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को सौंपी गई है। साथ ही कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद पर लगीं हिंदू व जैन मूर्तियों के बारे में पर्यटकों को जानकारी देने के लिए नोटिस बोर्ड लगाए जाएंगे।
मूर्तियों के बारे में जानने के लिए भी सर्वे किया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन शनिवार को कुतुबमीनार पहुंचे और दो घंटे से अधिक समय तक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को कई निर्देश दिए हैं।
क़ुतुब मीनार मामला: हिंदू पक्ष ने कहा- '1991 का कानून लागू नहीं होता'
वकील हरिशंकर जैन बोले- 'मंदिर हमेशा मंदिर रहता है'@romanaisarkhan | @Sheerin_sherry | @Sehgal_Nipun
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