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किशनगढ़ की तर्ज पर बना मुजफ्फरनगर का रेलवे स्टेशन, यात्रियों को मिलेगी सुविधा

 मुजफ्फरनगर को एक नई पहचान दिलाने में अहम माने जा रहे 10 करोड़ से जीर्णोद्धार कराए गए रेलवे स्टेशन की खूबसूरती अब दूर से ही नजर आएगी। किशनगढ किले की तर्ज पर बने इस रेलवे स्टेशन की खूबसूरती फ्रंट पर बनी पुरानी दुकानों तथा सार्वजनिक शौचालय ने छिपा रखी थी। नगर पालिका बोर्ड में दुकानों तथा सार्वजनिक शौचालय के ध्वस्तिकरण का प्रस्ताव पारित हो गया है। राजस्थान के किशनगढ किले के तर्ज पर 10 करोड़ से निर्मित कराए गया रेलवे स्टेशन केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। रेलवे स्टेशन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन इसका सौंदर्य पूरी तरह से फ्रंट पर बनी जर्जर दुकानों तथा सार्वजनिक शौचालय की आड़ में छिपा हुआ था। दुकानों तथा शौचालय की आड़ के चलते सामने से गुजरने वालों को रेलवे स्टेशन की खूबसूरती का आभास नहीं हो पा रहा था। जिसके चलते केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने नगर पालिका से इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए जाने का अनुरोध किया था। जिसके बाद पालिका परिषद चेयरपर्सन अंजु अग्रवाल के निर्देश पर जारी बोर्ड बैठक के एजेंडे में रेलवे स्टेशन के सामने आ रही कुछ जर्जर दुकानों एवं सार्वजनिक शौचालय को हटाने का प्रस्ताव रखा गया। रेलवे स्टेशन की खूबसूरती पर पर्दा डाल रही कुछ जर्जर दुकानों तथा जीर्ण शीर्ण हो चुके सार्वजनिक शौचालय को हटाकर उनका निर्माण अन्यत्र कराए जाने को लेकर 18 जून को आयोजित बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा गया था। बोर्ड बैठक में केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान स्वयं मौजूद थे।18 जून को आयोजित नगर पालिका बोर्ड बैठक में उनके अनुरोध पर रखे गए उक्त प्रस्ताव पर बोर्ड सदस्यों ने बहुमत के साथ मुहर लगा दी। जिसके बाद रेलवे स्टेशन के सामने की कुछ दुकानों तथा सार्वजनिक शौचालय के ध्वस्तिकरण का रास्ता साफ हो गया। साल 2019 में नए रेलवे स्टेशन निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया था। अक्टूबर 2019 में नए रेलवे स्टेशन निर्माण का कार्य प्रारंभ भी हो गया था। रेलवे स्टेशन का निर्माण पूरा कर 2021 तक जनता के लिए खोल देना था। मगर, कोरोना महामारी की वजह से निर्माण कार्य बाधित हुआ और इसमें देर हो गई। आधुनिक निर्माण शैली का प्रयोग किए जाने के बावजूद रेलवे स्टेशन का मानचित्र देश की सांस्कृतिक विरासत को अपने आम में संजोए हुए हैं। स्टेशन के बीच में भव्य गुंबद का निर्माण कराया गया है, जो देश की मध्यकालीन भवन निर्माण कला की ऊंचाईयों की ओर इशारा करती है।
निर्माण कला में इंडो-वेस्टर्न कल्चर का समन्वय
करोड़ों की लागत से निर्माणाधीन मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन वर्तमान में निर्माण की भारतीय और पाश्चात्य संस्कृति का एक अद्भुद संगम दिखाई देता है। नए भवन में टिकट घर, मीटिंग तथा वीआईपी हॉल, डॉरमेट्री, वीआईपी रूम, कॉमर्शियल रूम, आरपीएफ और जीआरपी कैंपस के साथ ही रेस्ट हाउस आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित रहेंगे। वेटिंग और वीआईपी रूम सहित रिजर्वेशन ऑफिस पूरी तरह से एसी बनाए जा रहे हैं। सुविधाओं के मामले में मॉर्डन रेलवे स्टेशन का बाहरी नक्शा किले की तरह दिखेगा।
केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. बालियान काफी खुश
आधुनिक सुविधाओं से लैस रेलवे स्टेशन का निर्माण लगभग पूर्ण होने एवं उसके सौंदर्य में बाधा बन रहे कुछ पुराने निर्माण को हटाने के लिए बोर्ड प्रस्ताव पारित होने पर केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान काफी खुश हैं। उनका कहना है कि वह क्षेत्र वासियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहते हैं। इसके साथ ही उनका ध्येय यह भी रहता है कि जब कोई बाहर से नगर में आए तो वह यहां अच्छी चीजों को देखकर प्रभावित हो। इसलिए किशन गढ शैली की तर्ज पर बने रेलवे स्टेशन को लेकर वह काफी उत्साहित हैं।

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