रक्षाबंधन पर बहन को आए सपने ने खोला भाई की हत्या का राज, पत्नि व भांजा निकले क़ातिल

UP कानपुऱ का एक ऐसा मामला जिसने पूरे गांव को झकझोर दिया, पुलिस महकमे को हैरान कर दिया और इंसाफ की उम्मीद को एक सपने से जोड़ दिया।
🕯️ रक्षाबंधन की रात आया सपना, बना हत्या का सुराग ..
311 दिन तक एक झूठी कहानी चलती रही, लेकिन रक्षाबंधन की रात पूजा को आया सपना सब कुछ बदल गया। भाई शिवबीर ने सपने में कहा—”मुझे मार दिया गया है”। सुबह होते ही पूजा ने मां सावित्री देवी को यह बात बताई। मां को पहले से ही बहू मालती पर शक था। बेटे से महीनों से कोई संपर्क नहीं, बहू मालती उर्फ़ लक्ष्मी का टालमटोल और फोन का न लगना—सबने शक को गहरा कर दिया।
👮 पुलिस जांच में खुला खौफनाक सच
सचेंडी थाना प्रभारी अजय सिंह बिष्ट को मामला सौंपा गया। मालती की कॉल डिटेल खंगालने पर सामने आया कि वह पति से नहीं, बल्कि भांजे अमित से बात करती थी। पूछताछ में मालती और अमित ने कबूल किया—30 अक्टूबर 2024 की रात, दिवाली से ठीक पहले, उन्होंने शिवबीर को नशीली चाय पिलाकर हत्या की। शव को बगीचे में दफनाया और ऊपर 10 पैकेट नमक डाल दिए ताकि शरीर जल्दी गल जाए।
🎭 एक साल तक चलता रहा झूठ
मालती ने सबको बताया कि शिवबीर गुजरात नौकरी पर गया है। कभी-कभी झूठे कॉल की बात भी करती। लेकिन मां और बहन को कभी बात नहीं हो पाई। रक्षाबंधन पर आया सपना और मां की जिद ने आखिरकार सच्चाई सामने ला दी।
💔 बहन का दर्द, मां की व्यथा
पूजा ने कहा, “हर साल भाई मुझे रक्षाबंधन पर याद करता था। इस बार जब कोई खबर नहीं मिली, तो मैं उसे बहुत याद कर रही थी। तभी वह सपने में आया और बोला कि मुझे मार दिया गया है। वही सपना आज मेरे भाई के लिए इंसाफ का रास्ता बना।”
सावित्री देवी बोलीं, “बहू पर शक था, लेकिन सबूत नहीं थे। अब जब सच्चाई सामने आ गई है, तो मैं सिर्फ यही चाहती हूं कि मेरे बेटे की आत्मा को इंसाफ मिले।”
📢 पुलिस ने मालती और अमित को गिरफ्तार कर लिया है। शव को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पूरा गांव स्तब्ध है, लेकिन एक सपना अब न्याय की दस्तक बन चुका है।
नमक के नीचे दबी सच्चाई और गांव की खामोशी
📍 कानपुर के बाहरी इलाके में एक बगीचा — जहां आमतौर पर बच्चों की किलकारियां और पत्तों की सरसराहट सुनाई देती थी, वहां अब एक अजीब सी खामोशी पसरी हुई है। यही वह जगह है जहां शिवबीर सिंह का शव 10 पैकेट नमक के नीचे दफनाया गया था। गांव वाले अब उस बगीचे को “सपने वाला गड्ढा” कहने लगे हैं।
🌿 गांव की फुसफुसाहट और डर
हत्या की खबर फैलते ही गांव में एक अजीब सा सन्नाटा छा गया। लोग अब मालती के घर के सामने से गुजरते वक्त कदम धीमे कर लेते हैं। बच्चे उस बगीचे के पास खेलने नहीं जाते। बुजुर्ग कहते हैं, “इतना नमक डालना… ये तो कोई फिल्मी चाल लगती है, लेकिन यहां तो हकीकत है।”
🧓 पड़ोस की चाची का बयान
शिवबीर की पड़ोसी चाची कमला देवी कहती हैं, “हम तो सोचते थे कि मालती बहुत सीधी है। लेकिन अब लगता है कि इंसान की शक्ल से उसका मन नहीं पहचाना जा सकता। वो तो पूजा के सपने ने सब खोल दिया।”
📱 सोशल मीडिया पर चर्चा
पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है। #RakshabandhanDream और #JusticeForShivbir जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं। लोग कह रहे हैं—”अगर सपना न होता, तो शायद ये राज कभी न खुलता।”