बीमे की मोटी रकम और प्रेमिका की चाहत – पत्नि की बेरहमी से कुचलकर की गई हत्या का हुआ खुलासा

प्रेमिका को पाने की चाहत.. दुर्घटना बीमा राशि हड़पने की नियत? दोस्त संग मिलकर लोडर से कुचल कर पत्नि को मार डाला, अब पकडे गए
(इरशाद राना)
पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास, समर्पण और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। लेकिन UP क़े एटा में सामने आई एक घटना ने इस पवित्र बंधन को खून से रंग दिया। 22 सितंबर को 22 वर्ष की विवाहिता आकांक्षा की हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। शव छितौनी गांव के पास हाईवे बाईपास की सर्विस रोड पर मिला। शुरुआत में परिजनों ने इसे हादसा बताया, लेकिन मृतका के भाई ने हत्या की आशंका जताई। पुलिस जांच में सामने आया कि पति पंकज के गांव की एक महिला से प्रेम संबंध थे, और पत्नी आकांक्षा इस रिश्ते में बाधा बन रही थी। पंकज ने अपने मित्र दिलीप कुमार के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। दोनों ने एक लोडर किराए पर लिया और पत्नि को कॉल करके जंगल मे रोड पर बुलवा लिया। जहाँ आते ही दोनों ने विवाहिता को कुचलकर मार डाला। अब मोबाइल कॉल डिटेल्स ने साजिश का पर्दाफाश किया और पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
सामाजिक सवाल..
– क्या बीमा की रकम और अवैध संबंध किसी की जान से ज़्यादा अहम हो सकते हैं?
– जब पति ही पत्नी की जान का दुश्मन बन जाए, तो समाज किस दिशा में जा रहा है?
भावनात्मक गहराई: आकांक्षा की अधूरी कहानी
आकांक्षा सिर्फ एक नाम नहीं थी — वो एक बेटी थी, बहन थी, पत्नी थी। उसकी मौत सिर्फ एक अपराध नहीं, एक चेतावनी है।
उसने शायद भरोसा किया था, शायद डर भी महसूस किया होगा। लेकिन उसे नहीं पता था कि जिस हाथ ने सिंदूर भरा था, वही उसे मौत के घाट उतार देगा।
🧠 1. भरोसे की नींव पर चोट..
– पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक होता है। जब पति ही पत्नी का हत्यारा बन जाए, तो परिवार संस्था की नींव हिलती है।
– लोग रिश्तों में शक करने लगते हैं, और घरेलू हिंसा की अनदेखी बढ़ती है।
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💰 2. लालच और नैतिक पतन का प्रसार…
– बीमा की रकम या अवैध संबंध के लिए हत्या — ये दर्शाता है कि कुछ लोग पैसों और वासना को रिश्तों से ऊपर रखने लगे हैं।
– इससे समाज में नैतिकता का पतन होता है, और अपराध को “सुविधा का ज़रिया” मानने की प्रवृत्ति बढ़ती है।
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🧒 3. युवा पीढ़ी पर मनोवैज्ञानिक असर
– जब युवा ऐसे अपराधों की खबरें बार-बार सुनते हैं, तो उनके मन में रिश्तों और समाज के प्रति असुरक्षा और भय पैदा होता है।
– इससे सामाजिक जुड़ाव कम होता है, और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है।
📣 लेखक की कलम से..
“ये सिर्फ एक क्राइम स्टोरी नहीं है — ये समाज के उस अंधेरे कोने की कहानी है जहाँ लालच, वासना और धोखा रिश्तों को लील जाते हैं। पत्रकारिता का काम सिर्फ खबर देना नहीं, चेताना भी है।
आइए, हम सब मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज़ उठाएं — ताकि कोई और आकांक्षा यूँ न मारी जाए।”