परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग में व्याख्यान श्रृंखला का हुआ आयोजन

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग में चल रहे अतिथि व्याख्यान श्रृंखला में छठे चरण की अतिथि व्याख्याता रही विश्व विख्यात कत्थक नृत्यांगना प्रो. कुमकुम धर, फैकल्टी आॅफ डांस भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय लखनऊ में अधिष्ठाता रही है। कुमकुम धर लखनऊ घराने के प्रसिद्ध कत्थक गुरु प. लचछू महाराज की शिष्या हैं और उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती सम्मान समेत देश विदेशों में बड़े सम्मान से नवाजा जा चुका है।
व्याख्यान का विषय कत्थक सौंदर्य मंच प्रदर्शन की दृष्टि से रहा। प्रो. कुमकुम धर ने अपने व्याख्यान में स्वयं के अनुभव श्रोताओं के साथ साझा किये। उन्होंने कहा नृत्य कला को मंच पर आने से पहले सभी कार्यक्रमों का नियोजन होना भी अति आवश्यक है। एक तो किसी भी कलाकार का कत्थक सौंदर्य निजी उपज से होता है। दूसरे नृत्य प्रस्तुति, परंपरागत प्रदर्शन, मंच सज्जा, वाद्य संगती, वेशभूषा मेकअप, प्रकाश व्यवस्था, ध्वनि व्यवस्था उत्कृष्ट मंच प्रदर्शन हेतु सौदर्यता बढ़ाता है। मंच प्रदर्शन का पच्चीस प्रतिशत दर्शक को भी जाता है कत्थक सौंदर्य में। नृत्य संगीत में सम को अति महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे नृत्य में घुंघरूओं का प्रयोग ताल प्राण के समान है। साथ ही बताया कि नृत्य प्रस्तुति को सुंदर बनाने में श्रंगार व वेशभूषा का विशेष प्रभाव पड़ता है। कुमकुम धर ने पंडित बिरजू महाराज का संस्मरण भी श्रोताओं से साझा किया। आपने उपज, पढ़नत, कवित्त, लयकारी, अभिनय अंग वेशभूषा और श्रृंगार पर विशेष प्रकाश डाला। इस व्याख्यान के अंत में विभागाध्यक्ष डा. भावना ग्रोवर ने प्रोफेसर कुमकुम धर का हृदय से आभार व्यक्त करने के साथ विश्वविद्यालय के कुलपति डा. जीके थपलियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्या राज, ललित कला संकाय के डीन व प्राचार्य डा. पिंटू मिश्रा को धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रतिभागियों तथा विभाग के समस्त प्रवक्ता डा. प्रीति गुप्ता, डा. आकांक्षा सारस्वत, निशी चैहान, श्वेता सिंह, अभिषेक मिश्रा व आईटी विभाग के विशाल सिंह व जतिन सहयोग रहा।