अपना मुज़फ्फरनगर

हिंदू संगठनों ने किया एसएसपी ऑफिस पर प्रदर्शन

-नई मंडी पुलिस पर आरोपियों को बचाने के प्रयास का आरोप लगाया
मुजफ्फरनगर। सुभाषनगर में चर्चित सिपाही के परिजनों द्वारा महिलाओं पर घर में घुसकर किए गए हमले के मामले में नई मंडी थाना पुलिस की भूमिका को लेकर हिंदू संगठनों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। बृहस्पतिवार को हिंदू संगठनों ने पीड़ित परिवार के साथ पुलिस ऑफिस पर जोरदार धरना-प्रदर्शन कर आरोपियों के खिलाफ पुलिस द्वारा मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जाने और आरोपियों का महज शांतिभंग की आशंका के तहत चालान किए जाने पर नाराजगी जताते हुए कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की। इसके साथ ही पुलिस पर आरोपियों को बचाने के प्रयास का भी आरोप लगाया गया। वहीं, आरोपियों द्वारा पीड़ित परिवार को धमकी दिए जाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई न होने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी गई।
नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला सुभाषनगर में गत 16 फरवरी को घर के आगे गाड़ी खड़ी करने के विवाद में सहारनपुर क्राइम ब्रांच में तैनात सिपाही अफजाल के परिजनों ने पड़ोसी बुद्धसिंह के घर पर हमला कर परिवार की महिलाओं से जमकर लाठी-डंडों से मारपीट की थी। हमले में सोनिया नामक युवती गंभीर रूप से घायल हो गई थी। आरोपियों ने घर में घुसकर तोड़फोड़ भी की थी, जिसके बाद सोनिया की तहरीर पर पुलिस ने ताज, नाज, कैफ, नोनू, शाहरूख और फैज को नामजद करते हुए कई अज्ञात के खिलाफ बलवा व मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पीड़ित पक्ष बृहस्पतिवार को हिंदू संगठनों विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ऑफिस पहुंचा और जमकर हंगामा करते हुए धरना-प्रदर्शन किया।
हिंदू कार्यकर्ताओं का कहना था कि महिलाओं के अपमान की वजह से ही जनपद में वर्ष 2013 में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी और अब फिर से लगातार हिंदू परिवारों की महिलाओं के साथ हिंसक घटनाएं घटित की जा रहीं हैं। विहिप जिलाध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि चर्चित सिपाही अफजाल के दबाव में नई मंडी थाना पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है। इसके चलते महिलाओं पर हमले व घर में तोड़फोड़ के बावजूद आरोपियों के खिलाफ मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें महज शांतिभंग की आशंका के तहत चालान कर दिया गया, जिससे उन्हें तत्काल जमानत मिल गई और इनके हौसले बुलंद हो गए। आरोप है कि तत्काल जमानत मिलने के कारण अब आरोपी लगातार पीड़ित परिवार को हत्या व धर्मांतरण कराने संबंधी धमकियां दे रहे है। वहीं, पीड़िता सोनिया का कहना है कि गत 18 फरवरी को आरोपियों ने घर आकर उन्हें धमकी दी थी और बुधवार देर रात फिर से आरोपी घर में घुस गए और गाली-गलौज करते हुए जान से मारने और महिलाओं को उठा ले जाने की धमकी दी गई। इसके चलते उनके परिवार को जान-माल का गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। विहिप व बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने इस पर नाराजगी जताते हुए एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय से मिलकर आरोपियों के खिलापफ कड़ी कार्रवाई करने अन्यथा आंदोलन व धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। इस पर एसपी सिटी ने मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई कराने का आश्वासन देकर कार्यकर्ताओं को शांत किया। धरना-प्रदर्शन करने वालों में प्रांत संपर्क प्रमुख राधेश्याम विश्वकर्मा, जिला प्रचार प्रमुख भूपेंद्र सिंह, नगर उपाध्यक्ष विक्रांत खटीक, मनोज मोघा, विवेक शास्त्राी, आशीष जैन, अनिल धमीजा, विजय वर्मा, रमेश साईं, तेजवीर सिंह, अंकित अप्पल, बाल बहादुर, पवन छाबड़ा, प्रेमी छाबड़ा, दिनेश पुंडीर, दीपक नारंग, अखिल कुमार, सत्यम शर्मा, विशाल पाल, बॉबी राजपूत, विशाल लोधी, मिंटू चैधरी, कपिल पाल, सन्नी कुमार शुभंकर और निशांत मित्तल आदि मौजूद रहे।
सात साल से कम सजा पर नहीं भेजे जा सकते जेल
 चर्चित मामले में कार्रवाई को लेकर  घिरे नई मंडी कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर पंकज पंत का कहना है कि घटना के संबंध में पीड़ित पक्ष द्वारा जो तहरीर दी गई थी, उसी के अनुरूप पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई की है। आरोपी ताज व नाज समेत कई आरोपियों को दो बार गिरफ्तार कर उनका शांतिभंग की आशंका समेत अन्य धाराओं में चालान कर कोर्ट में पेश किया जा चुका है। कोर्ट द्वारा सात साल से कम सजा में जेल न भेजने का प्रावधान होने के चलते और तीन आरोपियों के नाबालिग होने के कारण उन्हें जमानत पर छोड़ा गया है। इसके बाद पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ मुचलका पाबंद की भी कार्रवाई की गई है और बृहस्पतिवार को ताज व नाज को एक बार फिर गिरफ्तार कर शांतिभंग के तहत कोर्ट में पेश किया गया है।

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