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‘अनामिका’ की राह पर शिक्षिका, दो महकमो में कर रही नौकरी

बलरामपुर स्थित एक सरकारी स्कूल में नियुक्त है शिक्षिका, पति नगर पालिका में

मेरठ में निवास करने वाली सरकारी शिक्षिका द्वारा दो अलग अलग महकमो में नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया है। संज्ञान में आया है कि उक्त शिक्षिका ने दूसरे विभाग में बाकायदा इंटरव्यू दिया और अब वहां नौकरी कर तनख्वाह भी पा रही है। शिक्षिका के पति बिजनौर नगर पालिका में तैनात है। शिकायतकर्ता का कहना है कि पूरा मामला प्रशासन के समक्ष रखा जाएगा। इस मामले की शिकायत सीएम से भी की जाएगी।
शिकायतकर्ता का कहना है कि शिक्षिका पति के साथ मेरठ की एक पॉश कॉलोनी में रहती है। पति बिजनौर स्थित नगर पालिका में सरकारी पद पर कार्यरत है। जबकि पत्नी बलरामपुर स्थित एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका है। जानकारी में आया है कि उक्त शिक्षिका दो विभागों में नौकरी कर रही है। वह सरकार से भी तनख्वाह पा रही है और दूसरे विभाग से तनख्वाह ले रही है। इससे शिक्षिका विभाग को चूना लगा रही है। हालांकि, सरकारी व्यक्ति एक ही समय पर दो संस्थान में नौकरी नहीं कर सकता, लेकिन उक्त शिक्षिका ने सभी नियमों को ताक पर रख दिया। महिला शिक्षा विभाग की नीतियों का दुरुपयोग कर रही है। सूत्रों की माने तो शिक्षिका ने सरकारी विभाग को बिना बताए गलत तरीके से कुछ दस्तावेज बनवाकर दूसरी जगह स्कूल में इंटरव्यू दिया और अब वहां नौकरी कर रही है। शिकायकर्ता का कहना है कि ऐसे मामले सरकारी विभाग में कुछ समय पूर्व नजर में आए थे। सरकारी अफसरों की या तो रजामंदी है या उनकी आंख के नीचे यह गोरखधंधा चल रहा है। पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी।
25 जगहों पर नौकरी कर रही थी ‘अनामिका’
ुबेसिक शिक्षा विभाग में इस तरह का ये पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी ऐसे मामले पकड़ में आ चुके है, जब शिक्षिका ने एक नहीं कई स्थानों पर नौकरी कर रही थी और वहां से वेतन पा रही थी। इस तरह का मामला गत वर्ष भी पकड़ में आया था। एक शिक्षिका अनामिका पर आरोप था कि वह एक दो नहीं बल्कि 25 जगहों पर एक साथ काम करती रही और वेतन लेती रही। यह शिक्षिका अमेठी के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में तैनात थी। इस शिक्षिका ने नवंबर 2019 में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय अमेठी में पूर्ण कालिक विज्ञान शिक्षिका के पद पर ज्वाइनिंग की थी। शिक्षिका उक्त अवधि में विद्यालय आती थीं। शिक्षिका को तीन माह का वेतन भी निर्गत कर दिया गया था।
पूर्व में प्रकाश में आए ऐसे मामले
कुछ समय पहले जून के महीने में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जिसमें लगभग दो दर्जन महिलाएं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला की पहचान और दस्तावेज पर फर्जी नौकरी करती थीं। वास्तविक अनामिका शुक्ला की पहचान गोंडा जिले में की गई है जो कि अब बेरोजगार हैं। बता दे कि अनामिका शुक्ला की जगह उनके पहचान और दस्तावेज का दुरुपयोग करके यह महिलाएं फुल टाइम शिक्षिका के रूप में काम कर रही थी। इस मामले की भी बारीकी से जांच की जाए तो बहुत कुछ सामने आ सकता है। कि एक शिक्षिका दो स्थानों पर कैसे नौकरी कर सकती है।

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