ऑनर किलिंग: पिता-सगे भाई ने ही गर्दन धड़ से अलग करके किया था सानिया का कत्ल

UP में मेरठ के लक्खीपुरा से मिली सिर कटी युवती की लाश शालीमार गार्डन निवासी सानिया की थी। जिसकी हत्या उसके ही पिता और भाई ने की थी। यह वारदात झूठी शान की खातिर की गई थी। पुलिस ने बाप और बेटे को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने वारदात करना स्वीकार कर लिया है।
पांच दिन पहले थाना लिसाड़ीगेट क्षेत्र के लक्खीपुरा स्थित नाले में 20 वर्षीय युवती का सिर कटा शव मिला था। धड़ एक चादर में लपेटकर फेंका गया था। घटना का खुलासा करने के लिए एसएसपी ने क्राइम ब्रांच को लगाया था। तभी से क्राइम ब्रांच लगी हुई थी, इसी बीच युवती का बिसरा सुरक्षित रखते हुए अज्ञात में अंतिम संस्कार पुलिस ने कर दिया था।बुधवार को क्राइम ब्रांच ने इस कत्ल में युवती के पिता और भाई को गिरफ्तार किया है।

घटना का खुलासा करते हुए एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया, वारदात को अंजाम पिता और भाई ने दिया, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। युवती की पहचान सानिया के रूप में हुई, जिसका अपना पड़ोसी वसीम से प्रेम प्रसंग चल रहा था। सानिया का निकाह तय हो चुका था, लेकिन वह प्रेमी के साथ रहने की जिद पर अड़ी थी। एसपी सिटी ने बताया, जांच के दौरान सामने आया, सानिया का पिता शाहिद कुरैशी पहले शहजाद कॉलोनी में रहता था, वही पड़ोस में रहने वाले वसीम सैफी पुत्र इमरान के साथ उसका प्रेम प्रसंग हो गया। सात माह पहले सानिया उसके साथ घर से भाग गई थी। किसी तरह बेटी को ढूंढकर घर लाया गया था। उसके बाद शाहिद ने अपना घर बदल दिया और शालीमार गार्डन गली नम्बर-3 में रहने लगा था। वह प्रेमी से शादी की जिद पर अड़ी थी। 20 दिन पहले भी सानिया ने छत से कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया था।
जमात के बहाने से चला गया था कातिल वालिद
एसपी सिटी ने मीडिया को बताया, घटना से पूर्व शाहिद ने अपनी शादीशुदा बड़ी पुत्री सना को अस्पताल में भर्ती कराया, जो गर्भवती थी। उसके पास पत्नी संजीदा को छोड़ दिया। घर पर तीन पुत्र अजीम, आहद, समद और सानिया रह गए। इसके बाद शाहिद जमात का बहाना करके घर से चला गया, सभी को लगा कि शाहिद जमात में गया है, लेकिन देर रात्रि वह वापस आया और सोते समय बड़े पुत्र अजीम के साथ मिलकर गला रेतकर सानिया की हतया कर दी। घटना के बारे में आहद और समद सोए हुए थे। इसके बाद शाहिद ने धड़ को अंजुम पैलेस स्थित नाले में फेंक दिया। जबकि धड़ को लखीपुरा नाले में फेंका।
छह माह पहले सानिया कुरैशी को वसीम सैफी से प्यार हो गया। दोनों रोजाना घर की छत पर पहुंचकर आपस में मिलने लगे। पिता शाहिद कुरैशी को दोनों को मिलना नागवार लगता था। उन्होंने कई बार वसीम से मिलने पर सानिया पर पाबंदी लगाई। तीन माह पहले सानिया नहीं मानी और वसीम के साथ घर छोड़कर चली गई। तब शाहिद ने वसीम के परिवार से मिलकर सानिया को बरामद किया। उसके बाद शाहिद कुरैशी ने रिहान गार्डन का मकान बेचकर शालीमार गार्डन में खरीदा था। ताकि सानिया का वसीम से मिलना बंद हो जाए। उसके बाद भी वसीम और सानिया का मिलना जारी रहा। विरोध के बाद भी आठ दिन पहले सानिया अपने प्रेमी वसीम के घर चली गई थी। तब शाहिद ने भरोसा दिलाया कि वह उसका निकाह वसीम से कर देगा। उस शर्त पर सानिया को वापस लाया गया। गुरुवार को सानिया को पूरे परिवार ने समझाया। उसने वसीम ने निकाह करने की जिद नहीं छोड़ी। शाहिद ने पुलिस को बताया कि तब इज्जत की खातिर शाहिद ने बेटी सानिया की छूरे से गर्दन काट कर दोनों की मोहब्बत को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दिया।
बकरीद पर दी थी इसी छूरे से कुर्बानी, जिससे काटा बेटी गला
शाहिद ने बताया कि बकरीद पर इसी छूरे से पशुओं की कुर्बानी दी थी। उसी छूरे से गुरुवार की रात एक ही वार कर बेटी का गला काट दिया। पुलिस ने शाहिद की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया छूरा बरामद किया है। पुलिस कस्टडी में शाहिद ने बताया कि उसे बेटी की हत्या का कोई पछतावा नहीं है। उसने हमारी इज्जत की परवाह नहीं की, तब हम उसकी जान की परवाह क्यों करें। हालांकि बेटी की मौत के बाद मां और छोटे भाई की आंखों में आंसू जरूर दिखाई दे रहे थे।