ED ने निवेश धोखाधड़ी मामले मे नवाब को पकड़ा.. YFX -QFX व bot ब्रो क़े नाम से हुई थी करोडो की ठगी

निवेश धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
चंडीगढ़। पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली व पंजाब क़े साथ हिमाचल प्रदेश के हजारों निवेशकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले डिजिटल फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) चंडीगढ़ ज़ोनल कार्यालय ने इस घोटाले के अहम खिलाड़ी UP क़े रहने वाले नवाब हसन को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत हुई है। यह कार्रवाई कुख्यात डिजिटल निवेश घोटाले QFX, YFX और Botbro प्लेटफॉर्म्स से जुड़ी है।
ED, Chandigarh Zonal Office, has arrested the UP-based agent, Navab Hassan on 25.09.2025 under PMLA, 2002, in connection with a large-scale investment fraud carried out through QFX/YFX/Botbro platforms, being orchestrated by Navab alias Lavish Chaudhary in connivance with others.…
— ED (@dir_ed) September 26, 2025
🔎 कैसे फैला यह घोटाला…
ED की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में रहने वाला नवाब हसन इस पूरे नेटवर्क का ग्राउंड लेवल ऑपरेटर और प्रमुख एजेंट था। उसने स्थानीय स्तर पर हजारों लोगों तक फर्जी निवेश स्कीम्स का प्रचार किया।
लोगों को कम समय में 2–3 गुना मुनाफा देने का लालच देकर पैसे इकट्ठे किए। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी रिटर्न्स के स्क्रीनशॉट और आकर्षक डैशबोर्ड दिखाकर निवेशकों का भरोसा जीता।
असल में यह पूरी योजना पोंजी स्कीम थी, जिसमें पुराने निवेशकों को नए निवेशकों के पैसे से भुगतान किया जा रहा था।
ED के अनुसार, नवाब हसन ने अकेले 10,000 से अधिक निवेशकों से करोड़ों रुपये इकट्ठे किए और यह पैसा फर्जी कंपनियों और क्रिप्टो वॉलेट्स के जरिए आगे ट्रांसफर किया गया।
⚖️ कोर्ट का फैसला: 9 दिन की ED कस्टडी..
विशेष PMLA अदालत, चंडीगढ़ ने नवाब हसन को 9 दिन की ED हिरासत में भेज दिया है। ED अधिकारी अब उससे फंड्स की ट्रेल (पैसे का प्रवाह), अन्य मास्टरमाइंड्स के नाम, और विदेशी खातों से जुड़े कनेक्शन की जानकारी निकालने की कोशिश करेंगे।
📲 डिजिटल प्लेटफॉर्म बने धोखाधड़ी का हथियार..
इस पूरे रैकेट में QFX, YFX और Botbro जैसे ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया गया।
इन पर निवेशकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ट्रेडिंग, फॉरेक्स ट्रेडिंग और क्रिप्टो ट्रेड के नाम पर फंसाया गया।
शुरुआती दिनों में फर्जी मुनाफा दिखाया गया ताकि लोग ज्यादा रकम लगाएं। बाद में अचानक विदड्रॉल ऑप्शन बंद कर दिया गया और प्लेटफॉर्म गायब हो गए।
निवेशक नीरज का दर्द…
मेरठ के रहने वाले नीरज गुप्ता (42), जो एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, ने QFX प्लेटफॉर्म पर लगभग 7 लाख रुपये निवेश किए। नीरज बताते हैं.. “शुरू में मेरे अकाउंट में रोजाना 5-6% तक का प्रॉफिट दिख रहा था। कई दोस्तों को भी मैंने इसमें पैसा लगाने के लिए कहा। लेकिन अचानक एक दिन लॉगिन बंद हो गया। सारे पैसे डूब गए।”
नीरज जैसे हजारों लोग आज न तो अपना पैसा निकाल पा रहे हैं, न ही प्लेटफॉर्म से कोई संपर्क हो पा रहा है।
🛑 ED की कार्रवाई का असर…
नवाब हसन की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम यूपी, पंजाब और हरियाणा में बड़े निवेशक नेटवर्क पर दबिश की तैयारी चल रही है।क्रिप्टो ट्रांजेक्शन की जांच के लिए विदेशों से भी जानकारी मांगी जा रही है। ED ने कई बैंक अकाउंट और डिजिटल वॉलेट्स को फ्रीज किया है।
📍 आगे की राह..
ED अब इस केस में लविश चौधरी समेत QFX और YFX के असली मालिकों,क्रिप्टो एक्सचेंज ऑपरेटर्स,और मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करने वाले हवाला एजेंट्स पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है। X पर किए गए ट्वीट मे ED ने लविश का नाम जाहिर किया है।
निवेशकों के लिए सबक..
यह मामला फिर से याद दिलाता है कि
कम समय में ज्यादा मुनाफा देने वाली स्कीमें अक्सर फर्जी होती हैं।
निवेश करने से पहले SEBI, RBI या सरकारी रजिस्ट्रेशन की पुष्टि करना जरूरी है। किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निवेश करते समय कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड और नियामक अनुमति अवश्य जांचें।
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नवाब हसन की गिरफ्तारी इस घोटाले का अंत नहीं बल्कि शुरुआत है। ED की आगामी कार्रवाई से न केवल बाकी मास्टरमाइंड्स का पर्दाफाश होगा, बल्कि हजारों निवेशकों को न्याय मिलने की उम्मीद भी बढ़ी है।




