SIR जागरूकता क़ो हुई सभा.. डरे नही.. सही से फार्म भरे.. समय से जमा कराए..

मतदाता जागरूकता SIR कार्यक्रम — मुनव्वर हुसैन बोले, “डरने की नहीं, जागने की ज़रूरत है”
मुज़फ्फरनगर के ग्राम जटवाड़ा में बुधवार को एक विशेष मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीणों को SIR (संभावित निर्वाचक रजिस्ट्रेशन) प्रक्रिया और मतदान के अधिकार के प्रति जागरूक करना था। इस कार्यक्रम का नेतृत्व ग्राम प्रधान नवाब अली ने किया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
मुज़फ्फरनगर के गाँव जटवाड़ा मे प्रधान नवाब अली द्वारा आयोजित मतदाता SIR जागरूकता कार्यक्रम में सामाजिक चिंतक व @JamiatUlama_in के
अधिवक्ता मुनव्वर हुसैन ने मुस्लिम समाज के लोगो क़ो जागरूक किया.. कहा SIR से डरने की जरुरत नही है। BLO द्वारा ज़ो फार्म दिया गया है.. उसे भरकर समय से… pic.twitter.com/OKNON1V5e8— True Story Delhi (@TrueStoryDelhi) November 12, 2025
🗣️ मुख्य वक्ता मुनव्वर हुसैन का संदेश..
“डर नहीं, विवेक ज़रूरी”
कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए सामाजिक चिंतक एवं जमीयत उलमा ए हिन्द के अधिवक्ता मुनव्वर हुसैन ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा —
> “डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। संविधान ने हर नागरिक को मतदान का अधिकार दिया है। SIR से डरे नहीं, जो फार्म दिया जा रहा है उसे जागरूकता के साथ सही से भरें। हमें किसी के दबाव या डर में आकर नहीं, बल्कि अपने विवेक से सही उम्मीदवार का चयन करना चाहिए। यही लोकतंत्र की असली ताकत है।”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जब तक समाज का हर व्यक्ति राजनीतिक रूप से जागरूक नहीं होगा, तब तक लोकतंत्र मज़बूत नहीं हो सकता। उन्होंने युवाओं और महिलाओं से विशेष अपील की कि वे मतदान के दिन घर से निकलें और अपने मताधिकार का प्रयोग करें।
🏛️ “मतदाता ही लोकतंत्र का राजा है” — नवाब अली और अली मेहंदी
ग्राम प्रधान नवाब अली और अधिवक्ता अली मेहंदी ने भी ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा —
> “लोकतंत्र की असली ताकत मतदाता के हाथ में है। हर नागरिक को चाहिए कि वह मतदाता सूची में अपना नाम सुनिश्चित करे और SIR फार्म समय से भरकर जमा करे।”
उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि SIR प्रक्रिया पारदर्शी है और इसका उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना है, न कि डराना।
👥 गाँव की भागीदारी और भाईचारे की मिसाल…
कार्यक्रम में गाँव के बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। संवाद, सवाल-जवाब और जागरूकता के इस आयोजन के अंत में चाय-पानी के साथ आपसी एकता और भाईचारे का संदेश दिया गया।
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✍️ विशेष टिप्पणी…
यह कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिक आयोजन नहीं था, बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को मज़बूत करने की एक ज़मीनी पहल थी। मुनव्वर हुसैन जैसे वक्ताओं की मौजूदगी ने इसे एक सामाजिक चेतना अभियान का रूप दिया — जहाँ डर नहीं, बल्कि जागरूकता और भागीदारी को प्राथमिकता दी गई।




