व्यक्ति का अनुशासित होना अतिआवश्यक: डॉ. मैत्रेय

-राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर का उद्घाटन
मेरठ। देश कि प्रगति में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। जोश के साथ युवाओं का नेतृत्व उस कार्य के साथ-साथ देश को भी प्रगति के पथ पर ले जाता है। युवाओं के साथ-साथ सभी व्यक्तियों का अनुशासित होना अति आवश्यक है। सही कार्य सही समय पर सही उद्देश्य के साथ व सही तरीके से करना ही अनुशासन है। उक्त बातें वरीय साहित्यकार डॉ. अशोक मैत्रेय ने शुक्रवार को कही।
सुभारती विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा सात दिवसीय विशेष सिविर का उद्घाटन बुद्धिस्ट कॉलेज के तथागत सभागार में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति सेवानिवृत मेजर जनरल डॉ. जीके थपलियाल, विशिष्ट अतिथि प्रति कुलपति डॉ. अभय शंकरगौड़ा, मुख्य वक्ता डॉ. अशोक मैत्रेय थे। प्रथम दिवस के शिविर में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ. मैत्रेय ने राष्ट्रीय सेवा योजना के गीत का अर्थ बताते हुए उनके ध्येय पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी से नुक्कड़ नाटक के द्वारा जल संरक्षण के लिए आमजन को जागरूक करने की बात कही। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. अभय शंकर एम देवगौड़ा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए नेतृत्वकर्ता बनना होगा, जो अपने साथ-साथ सबका विकास करे। उन्होंने जल कि महता को रेखांकित करते हुए भविष्य में होने वाली जल की कमी से आगाह किया। कला एवं समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. नीरज कर्ण सिंह ने अतिथियों का स्वागत एवं परिचय भी दिया। इस दौरान उन्होंने सात दिवसीय शिविर की रुपरेखा को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व में हुए खेल प्रतियोगिता की विजेता बीए प्रथम वर्ष की विद्यार्थी सिया तोमर को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संयोजन और संचालन डॉ. सीमा शर्मा ने किया। इस अवसर पर डीन फाइन आर्ट्स प्रो. पिंटू मिश्रा, डॉ. मनोज त्रिपाठी, डॉ. निशा यादव, विनय पुनिया, धर्मेंद्र सिंह, डॉ. पल्लबी मुखर्जी सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।